नई शिक्षा नीति के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय ने शुरू की ये नई पहल, छात्र निकाल सकेंगे जेब खर्च, ये छात्र होंगे पात्र

March 1, 2022 by No Comments

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लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) ने छात्रों के हित और उनके सर्वांगींण विकास के लिए नई शिक्षा नीति-2020 के तहत एक नई पहल शुरू की है, जिसे कर्मोदय का नाम दिया गया है। इसके तहत छात्र-छात्राओं को अनुभवजनित सीखने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसे प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय ने NEP2020 के एक्शन क्लॉज 12 में लाने के लिए शुरू किया है, जो उच्च शिक्षा में छात्रों के क्षमताओं के विकास पर बल देने वाला है।

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय

‘कर्मोदय’ पहल का मूल उद्देश्य, एक ऐसा वातावरण तैयार करना है जो कार्यो मे सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सीखकर छात्रों की क्षमताओं को विकसित करे। यह एक अवैतनिक योजना है जिससे छात्रों की संवाद शक्ति मे व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित होने के साथ ही उनके नैतिकता और कार्य के प्रति उनके सम्मान मे गुणवत्तापूर्ण प्रभाव लाएगा। विश्वविद्यालय छात्रों को वास्तविक कार्यस्थलों का अनुभव कराने, उनके ज्ञान और कौशल मे गुणात्मक वृद्धि करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर के भीतर इस इन-हाउस इंटर्नशिप को लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। योजना के माध्यम से छात्रों मे पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और दिन प्रतिदिन के कार्यकलापों मे सक्रिय भागीदारी के माध्यम से एक आदर्श नागरिकता के रूप मे विकसित होने में मदद मिलेगी।

कर्मोदय में शामिल हो सकते हैं सभी छात्र
‘कर्मोदय’ योजना में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय के सभी छात्र आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत परिवार की आय के आधार पर, या किसी अन्य संसाधन से किसी अन्य फेलोशिप / छात्रवृत्ति प्राप्त करने के आधार पर कोई विभेद नही होगा। इस इंटर्नशिप प्रोग्राम से छात्रों को रोजगारोन्मुख होने के अनेक अवसर मिलेंगे। इंटर्नशिप के पूरा होने पर, छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान किए गए कार्यों को चिन्हित करते हुए अनुभव प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम विश्वविद्यालय के उन छात्रों की मांग पर बनाया गया है जो ‘कर्मयोगी’ योजना में आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं, जिसे उन छात्रों के लिए शुरू किया गया था जिनकी पारिवारिक आय रुपये 3 लाख प्रति वर्ष से कम थी और वह वर्तमान में किसी भी अन्य संसाधनों से फेलोशिप / छात्रवृत्ति सहित किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं कर रहे थे। स्थापना के समय से ही यह योजना छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गई क्योंकि इस योजना में छात्र विश्वविद्यालय परिसर में काम करके एक शैक्षणिक वर्ष में 15,000 रुपये तक कमा सकते हैं।

प्रो. पूनम टंडन

ये छात्र ही हो सकेंगे पात्र
प्रो. पूनम टंडन, डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने बताया कि ‘कर्मोदय’ योजना के तहत एक शैक्षणिक सत्र में न्यूनतम इंटर्नशिप अवधि 50 दिन रखी गई है। सभी श्रेणियों के सहायकों के लिए काम के घंटे दो महीने (दिन में अधिकतम 2 घंटे) की अवधि में समान रूप से वितरित किए जाएंगे। अधिकतम इंटर्नशिप अवधि एक सेमेस्टर है। विश्वविद्यालय के वे छात्र इस योजना के लिए पात्र होगें, जो विश्वविद्यालय में स्नातक या परास्नातक पाठ्यक्रमों के अंतिम या पूर्व-अंतिम वर्ष के छात्र हैं, विश्वविद्यालय के नियमित या स्व-वित्त पाठ्यक्रमों के लिए नामांकित हैं, पिछली परीक्षा में न्यूनतम 60% अंकों के साथ उत्तीर्ण, और पिछले शैक्षणिक सेमेस्टर / वर्ष में कम से कम 75% उपस्थिति रही हो।

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