अनंग त्रयोदशी का प्रदोष व्रत कनेक्शन-14 अप्रैल: अनंग व्रत से होगी दाम्पत्य प्रेम में वृद्धि, भाग्योदय के लिए करें ये विशेष उपाय, देखें पूजन विधि

April 13, 2022 by No Comments

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धर्म-अध्यात्म। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिंदुओं द्वारा हर त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मानाया जाता है, लेकिन इस बार अनंग त्रयोदशी होने के कारण प्रदोष व्रत का महत्व अधिक हो गया है। यह व्रत इस बार 14 अप्रैल 2022, दिन गुरुवार को पड़ रहा है। भारतीय ज्योतिष अनुसन्धान संस्थान के निदेशक आचार्य विनोद कुमार मिश्र बताते हैं कि अगर अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत करने से दाम्पत्य-प्रेम में वृद्धि होती है इसी के साथ पति-पुत्रादि का अखंड सुख भी प्राप्त होता है। चूंकि प्रत्येक मास की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूरे मन और एकाग्रता के साथ पूजा करें।

प्रदोष पर होती है भोले बाबा की पूजा
प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। व्रती भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा पाठ का आयोजन करती हैं।

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पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन प्रातः स्नान करने के बाद भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं। पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
भगवान शिव की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसी से अपना व्रत भी तोड़ें। उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।

भाग्योदय के उपाय
प्रातः शीघ्र उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्ध्य दें। पानी में मंदार के फूल जरूर मिलाएं। मंदार के फूल भगवान शिव को विशेष प्रिय हैं। ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी होता है।

नोट: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)

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