राहुल गांधी के लिए खड़ी हुई नई मुश्किल…देश के 180 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने की कानूनी कार्रवाई की मांग, जानें क्या है पूरा मामला

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Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए एक नई मुश्किल खड़ी होती दिखाई दे रही है. उनके खिलाफ देश भर के करीब 200 कुलपतियों ने मोर्चा खोल दिया है और कानूनी कार्रवाई की मांग की है. हालांकि सोशल मीडिया पर कुलपतियों का एक खुला पत्र वायरल हो रहा है जिसमें केवल 180 कुलपतियों के ही हस्ताक्षर हैं. इस पत्र में कुलपतियों ने राहुल गांधी की निन्दा की है. मालूम हो कि हाल ही में राहुल गांधी ने कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर एक बयान दिया था. राहुल गांधी ने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को दरकिनार कर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है. इसी के साथ ही राहुल गांधी ने कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे.

विश्वविद्यालयों में आया है परिवर्तन

इस पर कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने साझा बयान में इस आरोप का खंडन किया है और कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर की जा रही है. कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का ध्यान रखते हैं. ग्लोबल रैंकिंग के हिसाब से देखें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है. बता दें कि कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों के सामने आए साझा बयान में 180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर भी हैं. संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, एआईसीटीई, यूजीसी,एनसीआईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट आदि के प्रमुख के इस बयान पर हस्ताक्षर हैं.

पेशेवर अनुभव होता है

पत्र में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने कहा है कि हम लोगों का एक पेशेवर अनुभव होता है और अकादमिक योग्यता भी होती है. इसी के साथ ही चयन प्रक्रिया में भी इसका ध्यान रखा जाता है. पत्र में कुलपतियों ने लिखा है कि हम मेरिटोक्रेसी पर यकीन रखते हैं. उच्च शिक्षा के लिए यही जरूरी है. इसी के साथ ही लेटर में किसी भी तरह की काल्पनिक बातें न करने की बात कही गई है. साथ ही कहा गया है कि बिना किसी तथ्य के भ्रम न फैलाएं. इसके अलावा कुलपतियों ने राहुल गांधी पर उच्च शिक्षण संस्थानों को बदनाम करने का आरोप भी लगाया है. कुलपतियों ने ये भी कहा है कि ये सब वह राजनीति लाभ लेने के लिए कर रहे हैं. गौरतलब है कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. ऐसे समय में राहुल गांधी का ये बयान कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.