इस दौरे से शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलने और दोनों देशों के बीच स्थायी संबंध स्थापित होने की संभावना है।

बीरबल साहनी जीवाश्म विज्ञान संस्थान और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एमजी ठक्कर ने भूविज्ञान विभाग की प्रतिष्ठा को सराहा।

आज के तेज़ी से बदलते और प्रतिस्पर्धी वातावरण में छात्रों और पेशेवरों को उन समस्याओं को पहचानने की क्षमता विकसित करनी चाहिए.

परीक्षार्थी अपना परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट के वन व्यू पर देख सकते हैं।

अभी तक यह मापदंड है कि जिस देश में व्यक्ति की प्रति आय अधिक है, चिकित्सा व शिक्षा सुविधायें उपलब्ध है, रोजगार आदि को आधार बनाकर उसे विकसित घोषित किया गया है।

एकेटीयू में चल रहे तीन दिवसीय वास्तुकला पर नासा सम्मेलन के दूसरे दिन भी आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिता, डिजाइन टोपिया में छात्रों ने सॉफ्टवेयर पर जेल को किया रिडिजाइन.