PM मोदी को इस तरह हरा दिया राहुल गांधी ने! देखें क्या बोले प्रधानमंत्री, कांग्रेस में शुरू हुआ खुशियों का दौर, देखें Video
Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव-2024 के परिणाम सामने आ गए हैं. इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. जहां पिछले दो बार से भाजपा की आंधी में कांग्रेस, सपा सहित अन्य दल कहीं दिख ही नहीं रहे थे तो वहीं इस बार इंडिया गठबंधन ने कमाल कर दिया है. तो वहीं इस बार यूपी में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां वाराणसी में पीएम मोदी मात्र 152513 वोटों से जीत हासिल कर सकें हैं तो वहीं राहुल गांधी को रायबरेली में जनता का अधिक प्यार मिला है और उन्होंने 3,88,615 मतों के अंतर से जीत हासिल की है, जबकि राहुल गांधी ने रायबरेली में पहली बार चुनाव लड़ा और पीएम मोदी वाराणसी में लगातार तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे थे. वहीं अमेठी की सीट भी इस बार भाजपा के हाथों से निकल कर कांग्रेस के पास आ गई है. माना जा रहा है कि भले ही केंद्र में भाजपा एनडीए गठबंधन के तहत सरकार बना ले लेकिन कहीं न कहीं जनता ने नाराजगी जाहिर कर दी है.
दरअसल बढ़ती महंगाई से हर आम आदमी त्रस्त है. हालांकि इस दौरान भाजपा जहां राम मंदिर और धर्म को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ती रही तो वहीं राहुल गांधी ने विकास और महंगाई को मुद्दा बनाया. इस तरह से इंडिया गठबंधन को लोगों ने पसंद किया और इस बार के चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. रुझानों में भाजपा 250 तक भी नहीं पहुंच पा रही। अंतिम नतीजे आने तक वह एनडीए के सहयोगी दलों की मदद से 290 से ऊपर जा सकती है। इसके बाद देश में 10 साल बाद गठबंधन की सरकार एक बार फिर से देखने को मिलने जा रही है. जबकि इस बार भाजपा ने 400 पार का नारा लगाया था तो वहीं एग्जिट पोल के नतीजों ने भी भाजपा को ही अधिक सीटें जीतने का दावा किया था लेकिन सभी दावे फुस्स हो गए.
देश की जनता ने साफ कर दी ये बातें
देश की जनता ने ये साफ कर दिया है कि सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के भरोसे रहने से भाजपा का काम नहीं चलेगा। उसके निर्वाचित सांसदों और राज्य के नेतृत्व को भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
एग्जिट पोल्स की भी हवा निकल गई। 11 एग्जिट पोल्स में एनडीए को 340 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। तीन सर्वेक्षणों में तो एनडीए को 400 लोकसभा सीटें मिलने का अनुमान था। रुझानों/नतीजों में एनडीए उससे तकरीबन 100 सीट पीछे है।
आज जनादेश बताता है कि गठबंधन की अहमियत का दौर 10 साल बाद फिर लौट आया है। भाजपा के पास अकेले के बूते अब वह आंकड़ा नहीं है, जिसके सहारे वह अपना एजेंडा आगे बढ़ा सके।
भाजपा को सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश में हुआ है. यहां भाजपा 34-35 सीटों पर सिमटती दिख रही है, जबकि 2014 में यहां भाजपा ने 71 और 2019 में 62 सीटें जीती थीं। बड़ी सीटों पर भाजपा ने हार का सामना किया है, रायबरेली, अमेठी, गाजीपुर, अजामगढ़ जैसी महत्वपूर्ण सीटें भाजपा हार गई है.
हालांकि कुल मिलाकर इस जनादेश से पूरे देश को यही मैसेज गया है कि पीएम मोदी भले ही वाराणसी से एक बार और जीतकर सांसद बन गए हों लेकिन कहीं न कहीं राहुल गांधी के सामने हार ही गए हैं. राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता के आगे अब भाजपा को सोचना होगा कि आखिर उससे गलती कहां हो रही है.
वीडियो में देखें कांग्रेस की जीत का जश्न