Ramadan 2025: रमजान के दौरान जानें किनको होती है रोजा नहीं रखने की छूट? रमजान से जुड़ी सही बात जानने के लिए इस नम्बर पर करें फोन
Ramadan 2025: रमजान का पाक महीना एक मार्च से शुरू होने की बात कही जा रही है. फिलहाल चांद दिखने के बाद ही रमजान शुरू होगा. बता दें कि रमजान शुरू होते ही मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत में लग जाते हैं और पूरा दिन बिना पानी-खाने के बिताते हैं, जिसे रोजा कहा जाता है. इस्लाम में रोजा रखने के नियम भी बताए गए हैं तो वहीं रमजान के दौरान मुस्लिम धर्मगुरु भी रमजान के नियमों को लोगों के साथ साझा करते रहते हैं.
तो वहीं धर्मगुरु ही बताते हैं कि रमजान रखने के कुछ नियम भी हैं. इस्लाम के नियमों के मुताबिक, कुछ लोगों का रोजा रखना अनिवार्य होता है तो कुछ लोगों को इससे छूट भी दी गई है.
मसलन जो लोग बीमार होते हैं या बुजुर्ग होते हैं या फिर रोजा सह नहीं सकते, उनके लिए रोजा रखने से छूट दी गई है. सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के मुताबिक, कुरान में कहा गया है कि जो लोग बीमार हैं, बहुत बुजुर्ग हैं, मानसिक रूप से स्वस्थ्य नहीं हैं, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को रोजा रखने से छूट दी गई है. इसे गुनाह नहीं माना गया है.
तो वहीं मासिक धर्म के दौरान भी महिलाओं को रोजा रखने से छूट दी गई है लेकिन इस्लाम के नियमों के मुताबिक, जिन महिलाओं का रोजा मासिक धर्म की वजह से छूट जाता है, उस महिला को उतने ही दिनों का रोजा बाद में रखकर पूरा करना होता है. अगर कोई व्यक्ति बीमार महसूस कर रहा है, तो वह बाद में रोजा रख सकता है. अगर कोई व्यक्ति यात्रा में है और रोजा रखने में समस्या है और रोजा छूट जाता है तो सफर खत्म होने के बाद भी वह रोजा रख सकता है.
जानें कैसे रखना चाहिए रोजा?
इस्लाम को मानने वाले लोग रमजान के महीने में रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. रोजा रखने के नियम के मुताबिक, रोजेदार को रात के तीसरे पहर में अजान से पहले उठकर सहरी (जो कुछ खाना या पीना चाहे) कर सकता है और फिर रोजा शुरू हो जाता है. रोजेदार को सुबह की नमाज अदा करनी होती है और फिर वह अपने दिनभर के काम अदा कर सकता है. दिन में ही जोहर और असर की नमाज अदाकर कुरान की तिलावत करनी चाहिए. शाम की अजान होने के बाद इफ्तार यानी कि रोजा खोला जाता है और तुरंत गरीब की नमाज अदा करनी चाहिए. ऐसा भी कहा जाता है कि रोजा रखने के साथ ही रोजेदार को गरीब, लाचार और जरूरतमंदों की मदद भी करनी चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से कई गुना अधिक पुण्य मिलता है.
जानें किनके लिए फर्ज है रोजा?
इस्लाम में माना गया है कि रमजान के पाक महीने में रोजा रखना हर मुसलमान का फर्ज होता है. इसको लेकर कुरान और हदीस में कहा गया है कि बालिग मर्द और औरत यानी जो पूरी तरह स्वस्थ्य है उसको रोजा अवश्य रखना चाहिए ये उसका फर्ज है.
रमजान के लिए शुरू हुई शिया हेल्पलाइन
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अयातुल्लाह उजमा सैयद सादिक हुसैनी शिराजी के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि रमजान के महीने का महत्व एवं पुण्य बेशुमार हैं क्योंकि रोजा, नमाज व अन्य कार्यों को ठीक से करने के मुद्दों को जानना महत्वपूर्ण है। जैसा कि कुरान और हदीस से स्पष्ट है, यदि आप कुछ भी नहीं जानते हैं, तो विद्वानों से पूछें। इसलिए लोगों की सुविधा के लिए हर साल की तरह इस बार भी आयतुल्ला उज़मा सैयद सादिक हुसैनी शिराजी के कार्यालय द्वारा संचालित शिया हेल्पलाइन रमजान के पवित्र महीने में शुरू की जा रही है।
उलेमा के पैनल से शिया हेल्पलाइन के माध्यम से सुबह 10 से 12 बजे तक मोबाइल नंबर 9415580936, 9839097407 पर संपर्क किया जा सकता है। महिलाओं के लिए एक विशेष हेल्पलाइन स्थापित की गई है जिसमें महिला विद्वान महिलाओं के सवालों का जवाब देगीं। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि इस नंबर 6386897124 पर संपर्क करें. इसी के साथ ही ईमेल (masael786@gmail.com) द्वारा भी संपर्क किया जा सकता है. बता दें कि ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल धर्मगुरुओं के विचारों से लिखी गई है. इस पर अमल करने से पहले अपने धर्मगुरु से अवश्य पूछ लें. इसकी पुष्टि खबर स्टिंग नहीं करता.