UP Politics: अखिलेश ने की शालिग्राम की पूजा… स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी सपा… लिखा लम्बा-चौड़ा पत्र, पढ़ें पूरा
UP News: सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पार्टी दफ्तर में भगवान शालिग्राम (Shaligram Bhagwan) की पूजा अर्चना की तो इसी के बाद सपा में भूचाल आ गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसको लेकर टिप्पणी की है और इसी के साथ सपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है. अक्सर विवादों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि, आराध्य के प्रति पूजा-अर्चना निजी मामला है. हर धर्म का अनुयायी भगवान की पूजा पाठ के लिए स्वतंत्र है. उसके खिलाफ टिप्पणी करना उचित नहीं है. इसी के साथ ही ये भी कहा कि, लोगों के व्यक्तिगत मामले को सामाजिक सरोकार से नहीं जोड़ना चाहिए. रामलला का दर्शन करने अयोध्या नहीं जाने पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि दर्शन पूजन श्रद्धा से जुड़ा मामला है. पूजा के नाम पर दिखावा, छलावा और नाटक करना ठीक नहीं है. वह आगे बोले कि, भगवान राम करोड़ों लोगों के आराध्य हैं. रामलला का दर्शन करने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए एक खत लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया है. लेटर में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का कारण बताया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ महीनों पहले रामायण पर विवादित बयान दिया था जिसके बाद वह कई लोगों के निशाने पर आ गए थे. इसी के साथ ही लोकसभा चुनाव आते देखकर अखिलेश यादव ने भी सनातन धर्म के खिलाफ पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता और पदाधिकारी को टिप्पणी करने से मना किया था. उन्होंने अपने लेटर में इस बात का जिक्र किया है कि उनकी ही पार्टी के कुछ छुट भईये और कुछ बड़े नेताओं ने उनके बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह ‘मौर्य जी का निजी बयान है.’
अखिलेश यादव ने की पूजा की
तो वहीं मीडिया में स्वामी का बयान सामने आ रहा है , उन्होंने कहा कि सरकार के कहने पर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या गिरिजाघर में जानेवाला श्रद्धा भाव से नहीं जाता है. आदेश का पालन करने के लिए दर्शन पूजन को जानेवाले का आराध्य से लेनादेना नहीं है. ऐसा शख्स राजनीतिक लाभ लेने और दिखावा करने के लिए दर्शन पूजन करने जाता है. अखिलेश यादव के राम मंदिर नहीं जाने पर बीजेपी ने सवाल उठाए थे. बीजेपी का कहना था कि वर्ग विशेष को खुश करने के लिए अखिलेश यादव ने अयोध्या धाम जाने से दूरी बनाई.इसी के साथ ही अखिलेश यादव भगवान शालिग्राम की मजबूरी में पूजा करने के सवाल का जवाब देने से स्वामी प्रसाद मौर्य बचते नजर आए. साथ ही भगवान शालिग्राम की पूजा में बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भावना हमारी है. हम किसी के आदेश से पूजा नहीं करते हैं. उन्होंने साफ किया कहा कि हमें पूजा के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है.