माध्यमिक शिक्षकों का आरोप: संवेदनहीन हो गई योगी सरकार, शिक्षकों को प्रताड़ित करने का नहीं चूक रही एक भी मौका
लखनऊ। प्रदेश सरकार शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन हो गई है और शिक्षकों को प्रताड़ित करने का कोई मौका चुक नहीं रही है। यह आरोप बुधवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रदेशव्यापी संघर्ष के दौरान प्रदेश की योगी सरकार पर लगाए और लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित 18 सूत्रीय ज्ञापन संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र एवं जिलाध्यक्ष डा. आरके त्रिवेदी ने उप-शिक्षा निदेशक विभा मिश्रा को सौंपा, जिसे उन्होंने मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया। इसी के साथ जिला संगठन की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) को सम्बोधित 91 सूत्रीय जनपद स्तरीय समस्याओं का ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।
सरकार की शिक्षा और शिक्षक विरोधी नीतियों से आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र एवं जिलाध्यक्ष डा. आरके त्रिवेदी ने बताया कि वर्तमान सरकार शिक्षको के लिए संवेदनहीन है। शिक्षकों की दीर्घ काल से लम्बित मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। सरकार शिक्षकों को अपमानित व प्रताडित करने का कोई मौका चूक नहीं रही है। कोरोना महामारी के दौरना भी शिक्षको को विद्यालयों में 8 घण्टे 30 मिनट रूकने के लिए बाध्य किया जा रहा है। बता दें कि महीनों से बेसिक शिक्षक भी ट्रांसफर को लेकर अपनी बात प्रतिदिन मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री के सामने रख रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में बेसिक से लेकर माध्यमिक तक के शिक्षकों में योगी सरकार के प्रति रोष व्याप्त हो गया है।
धरने में प्रमुख रूप से प्रादेशिक उपाध्यक्ष रामेश्वर उपाध्याय, प्रदेशीय मंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, मण्डलीय अध्यक्ष तुलसी राम मिश्र, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुधा मिश्रा, अमीर अहमद, सन्तुष्ट पत्रिका के सह सम्पादक वीरेन्द्र राय, जिलामंत्री अरूण कुमार अवस्थी, कोषाध्यक्ष महेश चन्द्र, आय-व्यय निरीक्षक विश्वजीत सिंह, सुमन लता, डीपी श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश शुक्ल, इनायतुल्लाह खॉ, इन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, अनुराग मिश्र, डा. पीके पन्त, मीता श्रीवास्तव, मन्जू चौधरी, डा. दिव्या श्रीवास्तव, राजकुमारी, मनोरमा इन्दु, रश्मि सक्सेना, डा. एसके माणि शुक्ल, आरएस गौतम, अनिल शर्मा, अनिल वर्मा, साकेत सौरभ बन्धु, आरके सिंह, राधा मोहन मिश्रा, गजेन्द्र मिश्र, आलोक पाठक, अनीता शर्मा, आरपी सिंह, रजनेश शुक्ल, अखिलेश त्रिपाठी आदि ने सम्बोधित किया।
इन मांगों को लेकर दिया गया ज्ञापन
पुरानी पेन्शन की बहाली, वित्तविहीन, व्यवसायिक एवं कम्पूटर शिक्षकों को पूर्ण कालिक शिक्षक का दर्जा एवं समान कार्य के लिए समान वेतनमान दिया जाना, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, वंचित तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाना। विद्यालयों में शिक्षको के लिए शिक्षा संहिता में निर्धारित अधिकतम समयाविधि 5. घण्टे 20 मिनट ही शिक्षकों से शिक्षण कार्य कराया जाना। 01 अप्रैल, 2005 से पूर्व चयनित और किन्ही तकनीकी कारणों से कार्यभार ग्रहण न कर पाने वाले शिक्षकों को पुरानी पेन्शन योजना से आच्छदित किया जाना। विनियमित शिक्षको की तदर्थ सेवाएं पेंन्शन के लिए आगणित किए जाने सहित 18 सूत्रीय मागें शामिल की गई हैं।