…जब अमेरिका के Little Boy…ने जापान के इस हिस्से में मचा दी थी तबाही…जानें क्या था मंजर, 79 साल बाद भी नहीं गया ‘वो’ दर्द

August 6, 2024 by No Comments

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Nuclear Attack: इतिहास के पन्नों में आज भी देश दुनिया के तमाम युद्ध के दर्द की कहानी दर्ज हैं, जब इन पन्नों को खोला जाता है तो सिवाय खून-खराबे और पीड़ा के कुछ नहीं दिखाई देता तो उसमें भी सबसे बड़ा दर्द परमाणु हमले का है. जापान का हिरोशिमा दुनिया का पहला ऐसा शहर था, जहां पर पहली बार परमाणु हमला किया गया था. 6 अगस्त 1945 के दिन अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु हमला किया था. तभी से इस दिन को ‘हिरोशिमा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि 6 अगस्त का दर्द जापान अभी झेल ही रहा था कि 9 अगस्त को नागासाकी में भी अमेरिका ने परमाणु हमला कर दिया था.

इस भयंकर विस्फोट ने हिरोशिमा शहर को करीब-करीब पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था औऱ हजारों लोगों की जान चली गई थी. इस विनाशकारी हमले ने यहां के लाखों लोगों की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया था. दोनों शहर लगभग पूरी तरह तबाह हो गए थे. डेढ लाख से अधिक लोगों की पल भर में मौत हो गई थी और जो बच गए वो अपंगता के शिकार हो गए थे. यहां तक कि दशकों तक यहां पर अपंग बच्चे पैदा होते रहे. दूर-दूर तक के इलाकों में घंटों काली बारिश होती रही और रेडियोएक्टिव विकिरण ने जिंदादिली से भरे इन दोनों शहरों में कहर बरपा दिया. इस हमले के बाद वक्त तो बीता लेकिन इसका दर्द यहां के लोगों के चेहरे से नहीं गया. दुनिया के इतिहास में इससे भीषण जंग न पहले कभी हुई थी और ना ही उसके बाद कभी दुनिया ने देखी.

आज यानी 6 अगस्त हिरोशिमा दिवस के मौके पर यूएन (संयुक्त राष्ट्र) के आधिकारिक एक्स एकाउंट से एक पोस्ट शेयर की गई है और कहा गया है कि “हमें परमाणु हथियारों के अभिशाप का हमेशा के लिए अंत करने हेतु और भी प्रयास करने होंगे. हिरोशिमा परमाणु बम हमले के 79 वर्ष पूरे होने के अवसर पर @antonioguterres निरस्त्रीकरण हेतु नए समाधान निकालने की पुकार लगा रहे हैं.”

6 अगस्त 1945 को किया गया था हमला
अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम से हमला किया था. अमेरिकी बमवर्षक विमान ‘एनोला गे’ ने “लिटिल बॉय” नामक परमाणु बम को हिरोशिमा पर गिराया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह परमाणु बम लगभग 600 मीटर की ऊंचाई पर विस्फोट हुआ था और फिर एक ही पल में पूरा शहर मिट्टी में बदल गया था. आज भी इसके निशान यहां पर मौजूद हैं. हिरोशिमा दुनिया का पहला शहर है, जिसके ऊपर परमाणु बम से हमला किया गया था. इस दिन का इतिहास हमें याद दिलाता है कि परमाणु हथियारों का उपयोग दुनिया के लिए कितना विनाशकारी हो सकता है.

द्वितीय विश्व युद्ध बना था हमले की वजह
1 सितंबर, 1939 को द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ था. 1945 में इसके 6 साल पूरे हुए थे और ये थमने का नाम ही नहीं ले रहा था. इससे दुनिया के तमाम हिस्सों में भारी तबाही देखने को मिली थी. लोग परेशान और बेहाल थे लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा था. मालूम हो कि उस वक्त जापान एक ताकतवर देश हुआ करता थ और वो द्वितीय विश्व युद्ध में लगातार हमले पर हमले किए जा रहा था. इसी से परेशान होकर अमेरिका ने जापान के ऊपर परमाणु बम से हमला किया था और इसका नतीजा ये रहा कि दूसरा विश्व युद्ध तुरंत रुक गया था. जापान ने 14 अगस्त 1945 को मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

जानें क्या सीख देता है हिरोशिमा दिवस
हिरोशिमा दिवस लोगों को परमाणु हमले से होने वाली हनियों को बयां करता है. यह कई देशों में युद्ध-विरोधी और परमाणु-विरोधी प्रदर्शनों पर केंद्रित रहता है. यह दिन परमाणु हमले के विध्वंस की कहानी कहता है और दुनिया को बताता है कि हिंसा कभी भी किसी का भला नहीं करती सिर्फ पीढ़ियां बर्बाद करती है. परमाणु हथियारों की होड़ में लगी दुनिया में इसके इस्तेमाल की धमकियां तो कई देश लगातार देते रहे हैं लेकिन उसके इस्तेमाल के नतीजे सबको पता है. इसलिए तमाम देश परमाणु हथियारों को लेकर युद्ध न होने की बात कहते हैं.

अदालतों में अभी भी जारी है मांग
मालूम हो कि आज भी यहां के लोग परमाणु हमले के दर्द को झेल रहे हैं. इस हमले के पीड़ित लोग दशकों से अदालतों में अपनी मांग के लिए लड़ रहे हैं. तो दूसरी ओर कोर्ट ने भी कहा कि सरकार द्वारा चिन्हित इलाके के बाहर भी काली बारिश से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे और उन्हें हेल्थ सुविधाएं दी जानी चाहिए. अब उन्हें विकिरण से होने वाली 11 चिन्हित बीमारियों के इलाज की सुविधा मिल सकेगी. (फोटो-सोशल मीडिया)