आप मेरे काम के घंटे न पूछें…मुझे पत्नी को निहारना पसंद है…” जानें ऐसा क्यों बोले आनंद महिंद्रा?-Video

January 12, 2025 by No Comments

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Anand Mahindra’s Reaction on SN Subramanians Statement: लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने वाले बयान की लगातार सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है. दरअसल उन्होंने अपने कर्मचारियों से ऑनलाइन मीटिंग के दौरान कहा था कि वह संडे को भी उनसे काम करवा सकते हैं. इसी के बाद से लगातार उनके इस बयान पर कई बड़े उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

फिलहाल सुब्रमण्यन के इस बयान की आलोचना आम आदमी के बाद अब बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज (Rajiv Bajaj) और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने भी की है और उन्होंने काम की गुणवत्ता को तवज्जो दी है और कहा है कि आप अगर चाहें तो 10 घंटे में भी दुनिया बदल सकते हैं. उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

दूसरी ओर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भी सुब्रमण्यन के बयान पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि “ऐसे वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों को इस तरह के बयान देते देखना चौंकाने वाला है। मानसिक स्वास्थ्य मायने रखता है।”

रविवार यानी 11 जनवरी को आनंद महिंद्रा दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. ये प्रोग्राम भारत मंडपम में हुआ. इस दौरान उनसे 90 घंटे काम करने और वर्क लाइफ बैलेंस पर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर अपनी असहमति जताई और कहा कि ‘हमें काम के घंटो की जगह क्वालिटी ऑफ वर्क पर ध्यान देना चाहिए. आप 10 घंटों में दुनिया बदल सकते हैं.’

इस मौके पर जब उनसे जब ये पूछा गया कि वह कितने घंटे काम करते हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि ‘मुझे यह सवाल नहीं पसंद. आप मेरे से काम के घंटे न पूछें, आप मेरे काम की क्वालिटी पूछें.’तो वहीं सोशल मीडिया को मैनेज करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि “मैं सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं कि मैं अकेला हूं. मेरी पत्नी बहुत प्यारी हैं. मुझे उन्हें निहारना पसंद है.” यह सुनते ही कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे सभी लोग ठहाके लगाकर हंस पड़े और हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

इससे पहले उन्होंने फैसले लेने की क्षमता को लेकर कहा कि वो सभी को आर्ट की तरफ ध्यान देने को कहते हैं. इससे जीवन में कई दृष्टिकोण आते हैं. जब एक व्यक्ति अपने घर, परिवार और दोस्तों से मिलता है और किताबें पढ़ता है, तब उसके पास नए आइडिया आते हैं, इसी तरीके से हम समझ पाते हैं कि हमें क्या निर्माण करना है. उन्होंने ये भी कहा कि इसी के साथ ही हम समझ पाते हैं कि लोग किस तरह की कार में बैठना चाहते हैं. महिंद्रा के मुताबिक कोई भी व्यक्ति दिनभर ऑफिस में बैठ कर ऐसा नहीं कर सकता.

राजीव बजाज ने दी ये प्रतिक्रिया

90 घंटे काम करने के बयान पर राजीव बजाज ने CNBC-TV18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि काम के घंटे मायने नहीं रखते, बल्कि काम की गुणवत्ता मायने रखती है. उनके मुताबिक आज के समय में एक दयालु और नरम दुनिया की ज्यादा जरूरत है. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप 90 घंटे काम करवाना चाहते हैं, तो शुरुआत ऊपर से करें. यानी सबसे ऊपर बैठे अधिकारियों से इसकी शुरुआत की जानी चाहिए.

वर्क-लाइफ बैलेंस को अहमियत देते हुए राजीव बजाज ने कहा कि भले ही कोई 70 या 90 घंटे काम करता हो, लेकिन उसकी जिंदगी अन्य पहलुओं जैसे परिवार, स्वास्थ्य और भालई के काम करने से जुड़ी रहती है. ऐसी में इस आपसी जुड़ाव को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है.

जानें क्या कहा था सुब्रह्मण्यन ने?

बता दें कि एलएंडटी के चेयरमैन सुब्रह्मण्यन ने अपने बयान में कहा था कि रविवार को आप घर बैठकर क्या करेंगे? आखिर आप अपनी पत्नी को कब तक निहारेंगे? पत्नियां अपने पतियों को कब तक निहारेंगी? इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि ऑफिस जाइए और काम शुरू कीजिए. साथ ही उन्होंने 90 घंटे काम करने की वकालत की थी. इसी के बाद से लोग उनके इन विचारों की लगातार आलोचना कर रहे हैं. फिलहाल एलएंडटी के एक कर्मचारी ने उनके बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि यह टिप्पणी मजाक में की गई थी.

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