Varanasi: काशी विश्वनाथ मंदिर के आस-पास मांस-मछली बेचने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई…दुकानदारों ने की ये मांग

January 12, 2025 by No Comments

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Varanasi Kashi Vishwanath Temple: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में मांस-मछली बेचने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है. फिलहाल नगर निगम के इस फैसले के खिलाफ दुकानदार उतर आए हैं और इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है तो वहीं अगर नगर निगम के इस आदेश को कोई दुकानदार नहीं मानता है और मांस-मछली बेचते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।

नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में लिए गए इस फैसले के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के दो किलोमीटर एरिया में मौजूद मांस-मछली की दुकानों को नोटिस भेजा गया है तो वहीं दुकानदारों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है.

खुले में लटकाकर भी बेचने पर लगा बैन

वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी कि यह हमारी नगर निगम की कार्यकारिणी का निर्णय है, जिसमें पार्षदों ने मिलकर वाराणसी में आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। उन्होने ये भी कहा कि इस फैसले को लागू करने का कार्य जारी है। यह निर्णय लिया गया है कि मांस, मुर्गा, मछली आदि की दुकानों को काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर दायरे से बाहर स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए व्यापारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है और अब कार्यकारिणी द्वारा पास किए गए प्रस्ताव को लागू किया जा रहा है। हमारा पूरा प्रयास है कि यह बदलाव कल तक पूरा हो जाए।

मंडलायुक्त ने ये भी कहा कि फूड सेफ्टी के निर्देशों के अनुसार, इन दुकानों को कटा हुआ मांस खुले में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं होगी। जानवरों के मांस या मछली को खुले में लटकाकर बेचना भी निषेध रहेगा। उन्होंने आगे बताया कि फूड सेफ्टी और लाइसेंसिंग के तहत जो निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन अब सख्ती से कराया जा रहा है। पहले श्रद्धालुओं की कमी के कारण इन नियमों का पालन ढीला था, लेकिन अब इन निर्देशों को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है।

नोटिस में दिया गया है ये आदेश

नगर निगम की नोटिस में आदेश दिया गया है कि अगर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इन दुकानों का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है और इनमें कोई लाइसेंस भी नहीं है तो कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल यह निर्णय कुंभ मेला के दौरान शहर में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह आदेश स्थायी रूप से लागू किया गया है ताकि भविष्य में इस क्षेत्र में मांस-मछली की दुकानें न खोली जा सकें।

एक साल पहले भी इन दुकानों को भेजा जा चुका है नोटिस

वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि काशी में लाखों श्रद्धालु हर रोज बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आते हैं और खुले में मांस या मछली बेचना काशी की प्रतिष्ठा के लिए उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि “काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में कोई भी मांस या मांसाहारी उत्पादों की दुकान नहीं होनी चाहिए इसको लेकर पिछले साल सदन और कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें यह निर्णय लिया गया था.

फिलहाल एक साल पहले ही इन दुकानदारों को नोटिस भेज दिया गया था और एक प्रतिनिधिमंडल ने हमसे मुलाकात करके वादा किया था कि वे 30 दिनों में अपनी दुकानों को हटा लेंगे लेकिन एक साल बाद भी उन दुकानदारों ने कुछ नहीं किया और दुकाने जहां की तहां स्थिति है. ऐसे में अब नगर निगम ने एक बार फिर से इन लोगों को नोटिस भेजा है. इसी के साथ ही दुकानों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं. मंदिर के आस-पास स्थित ये सभी दुकानें अवैध हैं और इनका कोई लाइसेंस नहीं है।

मेयर ने ये भी कहा कि अगर अब दुकानदार निर्देश के बाद भी अपनी दुकानें नहीं हटाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम पूरी कोशिश कर रहा है कि श्रद्धालु एक अच्छा अनुभव लेकर लौटें और काशी की संस्कृति और धार्मिक महत्व को सम्मान मिले।

दुकानदारों ने इस तरह किया विरोध

एक स्थानीय दुकानदार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम नियमित रूप से लाइसेंस शुल्क जमा करते हैं और हमारी दुकान करीब 30 साल पुरानी है. पहले हमारी दुकान को लेकर कोई समस्या नहीं थी लेकिन पिछले दो-तीन साल से यह समस्या उत्पन्न हो रही है, क्योंकि अब तक शासन से कोई आदेश नहीं आया है। नगर निगम के मेयर साहब या अन्य कोई अधिकारी कहें तो हम नियमों का पालन करने को तैयार हैं, लेकिन हम अपनी दुकान बंद नहीं करना चाहते।

एक अन्य दुकानदार ने यहां तक कहा है कि हम सभी मिलकर मेयर साहब और नगर आयुक्त साहब से निवेदन करेंगे कि इस आदेश को वापस ले लें. तो वहीं एक अन्य ने कहा कि हम अपनी दुकानों को साफ-सुथरा रखेंगे. अगर दुकानें हटानी ही हैं तो हमें नई जगह आवंटित की जाए। इसी के साथ ही ये भी अपील की है कि कृपया हमें यह स्पष्ट करें कि हमें दो किलोमीटर या चार किलोमीटर दूर कितनी दूरी पर दुकानें लगाने की अनुमति दी जाएगी, ताकि हमारी आजीविका चल सके। तो वहीं एक दूसरे दुकानदार ने कहा कि नोटिस में हमें दो किलोमीटर दूर जाने के लिए कहा गया है लेकिन इसको लेकर अभी तक शासन की ओर से ऐसा कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है. यह निर्णय नगर निगम का निजी फैसला है।

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