देश का पहला ऐसा शोध पीठ बना भाऊराव देवरस, जिसे स्वरोजगार की शिक्षा के लिए सरकार ने दिए दो करोड़
लखनऊ (अर्चना शुक्ला)। प्रदेश भर के बेरोजगार युवाओं के लिए यह खबर किसी राहत भरी हो सकती है कि उनको स्वरोजगार की शिक्षा दी जाएगी। कोरोना में जहां लाखों लोगों की नौकरी छिन गई और लघु उद्योग तक उजड़ गए। ऐसे मुसीबत भरे समय में प्रदेश सरकार ने भाउराव देवरस शोध पीठ को दो करोड़ देकर युवाओं के लिए स्वरोजगार सम्बंधी कार्यशालाओं का आयोजन करने को कहा है। जैसे-जैसे कोरोना कमजोर पड़ता जाएगा, कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
पूरे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला, जो कि भाऊराव देवरस शोध पीठ के निदेशक भी हैं, ने बताया कि पीठ द्वारा केवल लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते हैं। यह शोध पीठ देश की पहली ऐसी शोध पीठ है, जिसे राज्य सरकार ने स्वरोजगार शिक्षा देने के लिए दो करोड़ की धनराशि सौंपी है। यह कार्यक्रम पहले ही शुरू होने वाला था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे रोकना पड़ा। अब जैसे-जैसे कोरोना की लहर कमजोर होती जाएगी, स्वरोजगार शिक्षा के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें हर तरह के स्वरोजगार की शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हस्तशिल्प को लेकर एक सर्वे उनके द्वारा किया गया है। इसको लेकर शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद हस्तशिल्प क्षेत्र को भी मजबूती देने के लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी युवा स्वरोजगार की शिक्षा प्राप्त करना चाहते हों, वे बराबर समाचार पत्रों आदि पर नजर बनाए रखें। इससे सम्बंधित जानकारी जल्द ही प्रकाशित कराई जाएगी।