कोर्ट ने रखी जमानत की शर्त: दुष्कर्म का प्रयास करने वाले आरोपी को धोने होंगे 2000 महिलाओं के कपड़े
पटना। बिहार के मधुबनी ज़िले की एक अदालत ने उस वक्त लोगों को चौंकने पर मजबूर कर दिया, जब एक दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी को इस शर्त पर जमानत देने की बात कही, जब वह दो हजार महिलाओं के कपड़े धुलेगा। कोर्ट ने कहा कि जेल गए आरोपी को तभी जमानत मिल सकती है, जब वह गांव की महिलाओ के कपडे धुलेगा।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक एडिशनल सेशंस जज, झंझारपुर, अविनाश कुमार ने जमानत लेने के लिए यह शर्त दुष्कर्म करने का प्रयास करने के आरोपी लल्लन कुमार के सामने रखी। कोर्ट ने लल्लन को बेल देते हुए कहा कि उसे 2000 महिलाओ के कपडे धोने होंगे। जमानत की यही शर्त है। बता दें कि लल्लन लौकाहा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव का रहता है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लल्लन 2000 महिलाओं के कपडे धोने के साथ ही, उसकी इस्त्री भी करेगी और फिर उन कपड़ों को महिलाओं के घर पर जाकर वापस भी देगा।
गांव की मुखिया को कोर्ट ने सौंपी जिम्मेदारी
कोर्ट ने आदेश की एक कॉपी गांव की मुखिया नसीमा खातून को भी भेजी है और कहा है कि उनको कोर्ट के इस आदेश पर नजर रखनी होगी कि लल्लन ने आदेश के अनुसार काम किया कि नहीं। इस पर नसीमा ने कहा कि कोर्ट के इस आदेश से महिलाओं के मान सम्मान की रक्षा होगी और इस प्रकार की घटना करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे। नसीमा ने कोर्ट के इस आदेश की प्रशंसा करते हुए कहा है कि वह लल्लन के काम की रिपोर्ट, कोर्ट के आदेश के मुताब6 महीने में सबमिट कर देंगी। बता दें कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरोपी को यह कार्य 6 महीने में पूरा करना है।
पूरा घटनाक्रम
डिफेन्स लॉयर परशुराम मिश्रा ने घटना की पूरी जनकारी देते हुए बताया कि 17 अप्रैल की रात को लल्लन ने अपने गांव की एक महिला के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। दूसरे दिन पीड़िता ने इस घटना को लेकर पुलिस से लल्लन की शिकायत की और मुकदमा दर्ज करा दिया। 19 अप्रैल को लल्लन को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया। इसके बाद बेल लेने के लिए हमने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत में अर्जी दी। केस की सुनवाई के दौरान जज ने लल्लन के जेल में अच्छे बर्ताव के साथ ही अपनी गलती मान लेने पर उसकी बेल तो स्वीकार कर ली, लेकिन शर्त रखी कि उसे गांव की 2000 महिलाओ के कपड़े धोने होंगे और कपड़ों पर इस्त्री भी करना होगा। इसके बाद कपड़े महिलाओं के घर जाकर वापस करने होंगे।
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