लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों को महिला शौचालयों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन की अनिवार्य रूप से करनी होगी व्यवस्था, कुलपति आलोक कुमार राय ने दिए 10 दिशा- निर्देश, देखें पूरी जानकारी
लखनऊ। गुरुवार को कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध लखनऊ, सीतापुर, खीरी-लखीमपुर, हरदोई और रायबरेली के सहायता प्राप्त और राजकीय कालेज के प्राचार्यों के साथ बैठक की और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर कुलपति ने महिला शौचालयों की हमेशा साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। इसी के साथ सेनेटरी नैपकिन की भी व्यवस्था शौचालय के अंदर करने के लिए निर्देश दिए। ताकि छात्राओं को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
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बैठक के अंत में कुलपति ने कहा कि परीक्षा में सभी ने सहयोग किया, इस तरह विश्वविद्यालय आपसे अपेक्षा करता है कि आने वाले परीक्षाओं में भी पूरा सहयोग करेंगे। बैठक में डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर पूनम टंडन, कुलानुशासक प्रोफेसर राकेश द्विवेदी, डीन ऐकडेमिक डॉ राकेश चंद्रा, डीन एडमिशन प्रोफेसर वीके शर्मा, डीन कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल प्रोफेसर अवधेश त्रिपाठी, समन्वयक प्रवेश प्रोफ़ेसर पंकज माथुर, सह-समन्वयक प्रवेश संजय मेधावी एवं अनित्य गौरव, कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह और परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी और 38 कालेज के प्राचार्य उपस्थित रहे। कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह ने बैठक में आए हुए सभी प्राचार्यो को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कुलपति ने दिए ये 10 निर्देश
अपने कॉलेज के समस्त शौचालयों में साफ-सफाई व्यवस्था का ध्यान दें, विशेषकर महिला शौचालयों में सफाई में बिल्कुल लापरवाही ना हो।
सभी कॉलेज के छात्र-छात्राओं का संपूर्ण डाटा प्रवेश के पश्चात लखनऊ विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।
शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हमेशा उपलब्ध होनी चाहिए।
अपने कॉलेज के छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के विभिन्न सांस्कृतिक एवं खेल-कूद की गतिविधियों में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
महिला शौचालयों के अंदर सेनेटरी नैपकिन के लिए वेंडिंग मशीन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करें। हम लोग विभिन्न कालेजों को वेंडिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध भी करा सकते हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं से संबंधित जिन विभिन्न योजनाओं लाभ उनको देता है वैसे ही आप लोग भी उन योजनाओं को लागू कर सकते हैं। जैसे TREE।
जो कॉलेज अभी तक नैक तथा NIRF में अप्लाई ना कर पाए हो वह इसने अवश्य प्रतिभाग करें।
सभी कॉलेज में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रोन्नति होनी चाहिए। किंतु उसके लिए यूजीसी के नियम के तहत कॉलेज अपना आइक्यूएसी सेल (IQAC cell) का सृजन करें और विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी निदेशक से संबंधित प्राचार्य उसको वेरीफाई कराएं, जिससे नियमों का अनुपालन सुनिश्चहित हो।
लखनऊ विश्वविद्यालय में अब तक लगभग 150 शिक्षकों की प्रोन्नतियां हो चुकी हैं।
महाविद्यालय केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
कॉलेजों के शिक्षकों को पीएचडी कराने के लिए 2020 के ऑर्डिनेंस में संशोधन हो चुका है। पूर्व में केवल पीजी कॉलेज के शिक्षक ही पीएचडी करा सकते थे। लेकिन अब यूजी कॉलेज के शिक्षक भी पीएचडी करा सकते हैं। लेकिन पीएचडी कराने के लिए ऑर्डिनेंस के तहत उनकी अर्हता होनी चाहिए। यह ऑर्डिनेंस विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आप अपने कालेज के शिक्षकों से उस ऑर्डिनेंस के तहत अप्लाई करने को कह सकते हैं। समस्त पीएचडी के आवेदन संबंधित विभागाध्यक्षों के पास भेजे जाएंगे।
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