DIAMOND JUBLIEE:आजादी से पहले 1947 में थामा था हाथ, आज अमृत महोत्सव के साथ मनाई विवाह की 75वीं वर्षगांठ, वरमाला पहनाकर खिलाया एक-दूसरे को केक, ताजा किए ब्रिटिश शासन के दर्दनाक पल, नई पीढ़ी को दिया संदेश, देखें वीडियो
कानपुर। जहां एक ओर भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो वहीं भारत के कानपुर जिले के कौशलपुरी निवासी एक वृद्ध दम्पत्ति ने भी इसी अमृत महोत्सव के संग अपनी शादी की 75वीं वर्षगांठ भी मनाई और इस खास मौके पर 99 साल के सुरेंद्र नाथ अस्थाना ने आजादी के उस वक्त के हालात को ताजा कर नई पीढ़ी से अवगत कराया, तो सभी उनकी बूढ़ी आंखों से उस वक्त के नजारे को गौर से सुनते रहे।
इस मौके पर श्री अस्थाना के बच्चों ने एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन कानपुर के एक होटल में किया था, जहां वरमाला का आयोजन किया गया था। इसी के बाद वृद्ध दम्पत्ति ने केक काटकर एक-दूसरे को खिलाया। इस दौरान केक खिलाते वक्त श्री अस्थाना की पत्नी नीरा थोड़ा हिचक रही थीं। इस सम्बंध में अस्थाना जी बताते हैं कि उस वक्त ये सब नहीं था। तब रीति रिवाजों के साथ बिल्कुल साधारण तरीके से शादी हो जाती थी। विवाह किससे हो रहा है, हम जानते भी नहीं थे।
बता दें कि सुरेंद्र नाथ अस्थाना का जन्म 19 जनवरी 1923 को रामगढ ,सीतापुर में हुआ था। उन्होंने सुल्तानपुर से हाई स्कूल और बीएनएसडी कालेज कानपुर से इन्टर किया।
उस के बाद 1947 में बीएससी (एग्रीकल्चर) पत्थर कालेज कानपुर से किया। इसी के बाद उनकी सरकारी नौकरी लग गई और उनका विवाह नीरा अस्थाना के साथ 7 जून 1947 को आजमगढ में हो गया। नीरा जी साहित्य रत्न से सम्मानित हो चुकी हैं।
अस्थाना जी ने आज की पीढ़ी को बताया कि आजादी से पहले अंग्रेजों के राज्य में भय का माहौल रहता था। महिलाएं, बच्चे, बड़े सभी डर-डर के जीते थे। लोगों की हालत बहुत बत्तर थी। अंग्रेज हमेशा किसी न किसी बात को लेकर किसान से लेकर हर किसी को सताते रहते थे, लेकिन क्रांतिकारियों ने आजादी की जो अलख जगा रखी थी, उसके आगे अंग्रेज हारते हुए दिखाई दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने आज की पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि आजादी बड़ी ही कीमती होती है। इसे सम्भाल कर रखना।
इस मौके पर अस्थाना जी कहते हैं कि वह यह सोच कर गौरवान्वित हैं कि देश जहां आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं वह भी अपनी शादी की डायमंड जुबली मना रहे हैं। बता दें कि अस्थाना जी की छह सन्तानें हैं, जो कि बिजनेसमैन हैं और रोटरी क्लब से जुड़कर समाज सेवा में भी लगे हुए हैं। मालूम हो कि इस खास मौके पर उपस्थित होने वाले सभी लोग इस जोड़ी को देखने और इस यादगार पल को जीने के लिए बेताब दिखाई दे रही थी। सभी इस पल को कैमरे में कैद कर लेने के लिए आतुर दिखाई दे रहे थे। इस मौके पर जब अस्थाना जी ने गीत गुनगुनाया तो पूरा कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।