Earthquake: चीन में लगे तेज भूकंप के झटकों ने हिला कर रख दिया सबकुछ…126 मरे; नेपाल-भूटान समेत सिक्किम और उत्तराखंड में भी असर-Video
Eearthquake: चीन के तिब्बत प्रांत में 7.1 तीव्रता के भूकंप ने घर-ऑफिस से लेकर सब कुछ हिला कर रख दिया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखकर ही साफ हो रहा है कि भूकंप के झटके कितनी तेज थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 126 लोगों की मौत हो गई, जबकि 188 घायल हैं। भूकंप का असर नेपाल, भूटान सहित भारत के सिक्किम और उत्तराखंड में भी देखने को मिला है.
भूकंप के झटकों के बाद चीन ने माउंट एवरेस्ट के टूरिस्ट प्लेस बंद कर दिए हैं। इसी के साथ ही तिब्बत के शिजांग में बिजली और पानी दोनों की सप्लाई बंद हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप का सेंटर वहां पर था जहां भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, इन प्लेटों के टकराने से हिमालय के पर्वतों में ऊंची तरंगे उठती हैं। मालूम हो कि चीन में 467 साल पहले आए भूकंप को सबसे जानलेवा माना जाता है जो कि साल 1556 में आया था. इसमें 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी।
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक सुबह 9.05 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे) आए इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। भूकंप को लेकर भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) की मानें तो रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 थी और भूकंप का असर नेपाल, भूटान से लेकर भारत के सिक्किम और उत्तराखंड में भी देखने को मिला. हालांकि भारत में जानमाल के किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
प्रभावित इलाके में घोषित हुआ लेवल-3 इमरजेंसी
चीन की CCTV न्यूज के अनुसार चीन की स्टेट काउंसिल ने भूकंप प्रभावित इलाके में टास्क फोर्स भेजी है और लेवल-3 इमरजेंसी घोषित कर दी है। मालूम हो कि लेवल-3 की इमरजेंसी तब डिक्लेयर की जाती है जब दुर्घटना इतनी बड़ी हो कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और स्टेट की सरकार उससे नहीं निपट सकती। ऐसे हालात में केंद्र सरकार अपनी तरफ से तत्काल मदद भेजती है।
रिपोर्ट के अनुसार भूकंप के बाद बड़ी संख्या में लोग मलबे में दब गए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. चीनी वायुसेना प्रभावित इलाके में लोगों को बचाने में जुटी हुई है. भूकंप के मद्देनजर चीन ने माउंट एवरेस्ट के टूरिस्ट क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। भूकंप की वजह से इलाके का इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह डैमेज हो गया है, जिससे यहां बिजली और पानी दोनों की सप्लाई बाधित हो गई हैं।
भूकंप को लेकर NCS ने बताया कि पहले भूकंप के तुरंत बाद इस क्षेत्र में दो और भूकंप आए। लोकल अधिकारी लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं, इस वजह से हताहतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
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— NDTV India (@ndtvindia) January 8, 2025
400 किमी दूर तक लोगों ने महसूस किया झटका
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि 400 किमी दूर नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी इसका असर महसूस किया। आज का भूकंप पिछले 5 साल में 200 किलोमीटर के दायरे में दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। स्थानीय अधिकारी भूकंप के नुकसान का आंकलन करने के लिए इलाके के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स इसका सेंटर उस जगह पर मौजूद है जहां भारत और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं। इन प्लेटों के टकराने से हिमालय के पर्वतों में ऊंची तरंगें उठती हैं। अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 9.5 थी।
जानें क्यों आता है भूकंप?
अक्सर लोगों के दिमाग में ये सवाल रहता है कि आखिर भूकंप क्यों आता है? तो बता दें कि पृथ्वी की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार तैरते हुए आपस में टकरा भी जाती है. टकराने के बाद होता ये है कि कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और अधिक दबाव पड़ने लगता है और ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। इसके बाद ही नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता ढूंढने लगती है और फिर इसी डिस्टर्बेंस के कारण भूकंप की स्थिति पैदा होती है. बता दें कि कुछ सालों पहले आई सुनामी की वजह भी यही थी. इससे दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलिपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में इस तरह से तबाही मचाई थी कि 1655 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग लोग बेघर हो गए थे तो वहीं 3000 लोग घायल हो गए थे.
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