FEAR OF TALIBNA: “मुझे भी तालिबान से डर लगता है…” कहकर महिला टीवी एंकर ने छोड़ा अफगानिस्तान
नई दिल्ली। तालिबान का खौफ इस कदर लोगों को डरा रहा है कि लोग अफगानिस्तान छोड़कर भाग रहे हैं। भला हो भी क्यों न जब अमेरिका डर की वजह से अपनी सेना को वापस बुला सकता है, तो आम जनता भला कैसे आतंकियों के साए में ठहरे। इसी क्रम में मंगलवार को एक महिला टीवी एंकर ने भी अफगानिस्तान छोड़ दिया। हाल ही में उन्होंने तालिबान के एक प्रवक्ता का ऑन एयर इंटरव्यू लेकर सुर्खियों में रही थीं।
यह खबर भारत के उन लोगों की आंखों की पट्टी खोलने के लिए पर्याप्त है, जो गत दिनों तालिबान का खुलेआम समर्थन करते फिर रहे थे और सोशल मीडिया पर अपने वीडियो जारी कर रहे थे। जाने-माने शायर मुनव्वर राना ने भी तालिबानियों की प्रशंसा करते हुए आतंकियों से राम भक्तो की तुलना तक कर दी थी। मीडिया सूत्रों से मिली जनकारी व सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों के अनुसार अफगान टीवी एंकर बेहेष्टा अरगंद अपना वतन छोड़कर चली गई हैं। सीएनएन ने बताया कि एक अफगान समाचार नेटवर्क टोलो में एक महिला एंकर अरगंद ने तालिबान के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि का इंटरव्यू लिया था। इस इंटरव्यू ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरीं थी। इसके बाद ही उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ दिया।
बता दें कि उन्होंने मलाला यूसुफजई का भी साक्षात्कार लिया था, जिसे टोलो ने पहली बार अफगान टीवी पर मलाला के साक्षात्कार के रूप में प्रस्तुत किया था। मालूम हो कि मलाला ने बालिकाओं की शिक्षा के लिए अफगानिस्तान में स्वर मुखर किए थे, इस पर तालिबान ने उनके ऊपर हमला कर दिया था, लेकिन वह बाद में बच गई थीं। इस मामले ने मलाला को दुनिया भर में रातो-रात फेमस कर दिया था। तो दूसरी ओर तालिबान द्वारा लिए गए साक्षात्कार पर बेहेष्टा अरगंद ने कहा कि उनके लिए यह साक्षात्कार मुश्किल था, लेकिन इसे उन्होंने अफगान महिलाओं के लिए किया था।
इसलिए छोड़ा अफगानिस्तान
सीएनएन ने टीवी एंकर के साथ पत्र व्यवहार किया था, जिसमें उन्होंने अपने दो सप्ताह के अनुभव के बारे में बताया और कहा कि “मैंने देश छोड़ दिया, क्योंकि लाखों लोगों की तरह मुझे तालिबान से डर लगता है।” टोलो के मालिक साद मोहसेनी ने कहा कि अरगंद का मामला अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में खुलकर दुनिया को बता रहा है। हमारे लगभग सभी जाने-माने पत्रकार और महिला पत्रकार यहां से जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास लोगों को बाहर निकालने की दोहरी चुनौती है। क्योंकि लोग खुद को यहां पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मोहसेनी ने वाशिंगटन पोस्ट के लिए एक कॉलम में लिखा कि तालिबान दुनिया के सामने अपना एक उदार चेहरा पेश करने की कोशिश कर रहा है। अरगंद का तालिबान के साथ 17 अगस्त का साक्षात्कार अफगानिस्तान के इतिहास में दर्ज हो गया। एक तालिबान प्रतिनिधि एक महिला प्रस्तुतकर्ता के सामने बैठे टीवी स्टूडियो में लाइव दिखाई दिया। यह एक बड़ी बात थी।(फोटो सोशल मीडिया से ली गई है)