AFGANISTAN IN CRISIS: अफगानिस्तान के भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी को मिली UAE में पनाह
दुबई। अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जा करते ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति देश और अपने देशवासियों को छोड़कर भाग खड़े हुए थे। अपने साथ वह कई कीमती कारें और ढ़ेर सारा धन लेकर चले गए थे और अपने पीछे न केवल देश बल्कि अन्य देशों से नौकरी के लिए गए लोगों को चीखता-पुकारता छोड़ गए थे। फिलहाल उनको संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मानवीय आधार पर पनाह दे दी है।
इस बात की पुष्टि विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने की है। सोशल मीडिया पर वायरल खबर के अनुसार अरब राष्ट्र ने मानवीय आधार पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को पनाह दी है। इसकी जानकारी बुधवार को एक बयान जारी कर दी गई। सोशल मीडिया और समाचार चैनलों आदि में यह खबरें थीं कि गनी देश छोड़कर ताजिकिस्तान या उज्बेकिस्तान में पनाह मांगने चले गए हैं जबकि कुछ ने उनके ओमान भाग जाने के संकेत दिए थे। काबुल में रूस के राजनायिक ने आरोप लगाया था कि गनी नकदी से भरे वाहनों के साथ देश छोड़कर भागे हैं।
दूतावास ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि गनी चार कारों और नकदी से भरा एक हेलीकॉप्टर लेकर देश छोड़कर भाग गए हैं। उन्होंने कुछ पैसे इसलिए छोड़ दिए थे, क्योंकि यह सब उनकी कारों या हेलीकॉप्टर आदि में ठीक से रखा नहीं जा रहा था। काबुल में रूसी दूतावास के प्रवक्ता निकिता इशचेंको ने आरआईए समाचार एजेंसी को दिए बयान में कहा था कि चार कीमती कारें पैसे से भरी थीं। उन्होंने पैसे के दूसरे हिस्से को एक हेलीकॉप्टर में भरने की कोशिश की, लेकिन यह सब ठीक से रखा नहीं जा रहा था। इसलिए कुछ पैसा टरमैक पर पड़ा छोड़कर ही वह भाग निकले थे।
अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि निकिता ने अपनी जानकारी के स्रोत के रूप में गवाहों का हवाला देते हुए एक वैश्विक न्यूज वायर पर अपनी टिप्पणियों की पुष्टि की है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने एक ट्वीट में गनी और उनके सहयोगियों के लिए साफ तौर पर कहा था कि वह दुख व्यक्त करते हैं कि वह मुसीबत में देशवासियों को छोड़कर भाग निकले। मोहम्मदी ने यह कहते हुए अत्यंत दुख जाहिर किया था कि गनी ने हमारे हाथों को हमारी पीठ के पीछे बांध दिया और मातृभूमि बेच दी।