HINDI NEW YEAR WISHES:चैत्र माह में नवसंवत्सर लेकर मातु भवानी है आई…आप सभी को खूब बधाई….एकदम नए बधाई संदेशों के साथ अपनों को भेजें हिंदी नववर्ष की शुभकामना, देखें क्या कहता है ब्रह्मपुराण
नवसंवत्सर विशेष। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदी नव वर्ष की शुरूआत होती है। इस बार यह 2 अप्रैल को पड़ रहा है। इस दिन से हिंदुओं का नया साल शुरू हो रहा है, जिसे नवसंवत्सर कहते हैं। इस बार विक्रम संवत 2079 से नल नाम का संवत्सर शुरू हो रहा है। ब्रह्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी तिथि को (सूर्योदय के समय) सृष्टि की रचना की थी। स्मृति कौस्तुभकार के मत के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रेवती नक्षत्र के निष्कुम्भ योग में भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इसी दिन भारत के प्रतापी, महान सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के संवत्सर का यहीं से आरम्भ माना जाता है। इस तरह से न केवल पौराणिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस तिथि का बहुत महत्व है। तो आइए इस महत्वपूर्ण दिन को कवयित्री डॉ.रश्मि कुलश्रेष्ठ द्वारा रचित इन बधाई संदेशों को अपनों को भेजकर इस दिन को बना दें और भी यादगार।
मुक्तक
1- नवल कलेवर सजी धरा नव संवत्सर आया है।
सिंहवाहिनी मैया ने भी
अपना भवन सजाया है।
यही सनातन संस्कार है
नव पीढ़ी को सिखलायें।
वेद पुराणों ने भी जिसका
महात्म्य बताया है।
आप सभी को नवसंवत्सर की ढेरों शुभकामनाएं।
2-चैत्र माह में नवसंवत्सर लेकर मातु भवानी है आई।
आम्र मंजरी बागन में और कोयल राग रही है सुनाई।
नवसंवत्सर की बधाई, नव संवत्सर की बधाई।
3-हर्षित है सारी ये धरा मद यौवन से फिरती बौराई।
हिंदू नव वर्ष पे मान करो
यह रीति ऋषि मुनि ने सिखलाई।
नवसंवत्सर की बधाई, नव संवत्सर की बधाई।
4-सुख की रंगोली द्वार सजे ,सूरज चंदा चमके अंगनाई।
राग द्वेष सब मिटे धरा से
चैन की बस बजे शहनाई।
नव वर्ष में खूब फलें फूलें सब,पीड़ा किसी मुख दे न दिखाई।
आप सभी प्रियजन को रश्मि भेज रही है खूब बधाई।
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