Kanpur: ऐसे सभी लोगों पर होगी कार्रवाई… कार्यालय से गायब रहने पर जिलाधिकारी ने CMO सहित 34 का रोका वेतन; पूरे जिले में मचा हड़कंप-Video

February 4, 2025 by No Comments

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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां के नए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) सहित 34 डॉक्टर व कर्मचारियों का वेतन रोक कर बड़ी कार्रवाई की है. इसी के साथ ही जिले के सभी अधिकारियों को संदेश देते हुए कहा है कि इस तरह के सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. यानी जो अपनी कार्यालय से नदारद रहेंगे और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

दरअसल जिलाधिकारी रामादेवी स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे लेकिन यहां पर खुद सीएमओ सहित आधे से अधिक स्टॉफ गायब मिला. इसी के बाद उन्होंने ये बड़ी कार्रवाई की है और अपनी ड्यूटी से गायब रहने वाले इसी तरह के अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश याद कराया है.

बता दें कि कानपुर के नए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह अपनी कार्यशाली को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं और वह उन अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं जो अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभा रहे हैं. आज एक बार फिर वह सुबह कानपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर यानी सीएमओ कार्यालय पहुंचें यहां खुद सीएमओ ही गायब मिले. इस पर जिलाधिकारी ने दफ्तर में तैनात सभी 101 कर्मियों के रजिस्टर को मंगाकर जब चेक किया तो उनके पांव तले जमीन की खिसक गई. क्योंकि यहां पर एक साथ 101 स्टाफ में एक तिहाई लोग गायब मिले. तो इसी के साथ ही 34 लोग बिना किसी नोटिस के कार्यालय में मौजूद नहीं मिले. इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए डीएम ने सभी का वेतन रोक दिया.

लोगों ने की थी शिकायत

दरअसल जनता द्वारा लगातार स्वास्थ्य विभाग को लेकर शिकायत मिल रही थी. इस पर आज सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह चिकित्सा अधिकारी के दफ्तर जा धमके. इस पर विभाग में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में वहां मौजूद कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिदत्त नेमी को जिला अधिकारी के निरीक्षण की जानकारी फोन पर दी. तो वहीं सीएमओ के कार्यालय में न होने को लेकर डीएम ने कहा कि जब खुद अफसर अपने कार्यालय में नहीं बैठेंगे तो अन्य लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है.

जिलाधिकारी ने कही ये बात

बता दें कि जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई को लेकर एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने डीएम कानपुर के एक्स हैंडल पर कहा है कि‘मुख्यमंत्री जी का सीधा आदेश है कि जनता दर्शन के लिए सभी अधिकारी अपने कार्यालय में सुबह 10:00 बजे से 12:00 तक जरूर बैठेंगे और जनता की समस्या सुनेंगे. लेकिन इसके बावजूद खुद अधिकारी अपनी ऑफिस से गायब है. ऐसे में जनता की शिकायतें कौन सुनेगा और जनता को कैसे उनकी समस्याओं का निस्तारण मिल सकेगा.’ जिलाधिकारी ने आगे कहा कि आगे भी इस तरीके से निरीक्षण होता रहेगा और अगर कर्मचारी फिर गायब मिले तो इनके ऊपर अब वेतन रोकने के अलावा विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. इसी तरह की कार्रवाई ऐसे हर अधिकारी पर होगी.

जानें कौन हैं जितेंद्र प्रताप सिंह?

जितेंद्र प्रताप सिंह कानपुर से पहले बागपत में बतौर जिलाधिकारी तैनात थे. 5 मार्च 1972 को उनका जन्म हुआ था. वह मूल रूप से फर्रुखाबाद के निवासी हैं. उन्होंने एमए तक की शिक्षा प्राप्त की और फिर यूपीपीएससी की परीक्षा पास करके पीसीएस अधिकारी बने. 2013 में पीसीएस अधिकारी के रूप में उनका चयन हुआ. विभिन्न जिलों में अपनी सेवा देने के बाद 31 मई 2019 को उनका प्रमोशन आईएएस के पद पर हुआ. वह देवरिया और कानपुर देहात में भी बतौर जिलाधिकारी तैनात रह चुके हैं. बता दें कि इससे पहले बागपत में डीएम रहते हुए उन्होंने नकली पानी बनाने वाले एक गिरोह पर कार्रवाई की थी और कंपनी पर बुलडोजर चलवा दिया था. एक समाधान दिवस के दौरान उन्हें नकली पानी की बोतलें परोसी गईं थी. इसी के बाद उन्होंने दो हजार से अधिक नकली पानी की बोतलें नष्ट करवा दिया था. उनका ये मामला काफी सुर्खियों में रहा.

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