Kartik Purnima 2024: दुर्लभ संयोग में इस बार मनेगी कार्तिक पूर्णिमा, इन चीजों का करें दान; दुख और दरिद्रता का होगा नाश

November 14, 2024 by No Comments

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Kartik Purnima 2024: कार्तिक माह की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है. ये महीना भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है। जहां ये महीना हिंदू पंचांग का आठवां महीना है तो वहीं अंग्रेजी कैलेंडर में अक्टूबर और नवंबर के महीनों में पड़ता है। इसी महीने में हिंदू समाज के बड़े त्योहार धनतेरस, दीवाली, छठ पूजा आदि पड़ते हैं. इस माह में आने वाली देवउठनी एकादशी को सभी एकादशी में विशेष माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं, जिसके बाद चातुर्मास का समापन होता है और हिंदुओं के घर में मांगलिक कार्य शुरू होते हैं.

आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री की मानें तो कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु जी की पूजा के साथ ही भगवान शिव की पूजा का भी विधान है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन वाराणसी में देव दिवाली का पर्व मनाए जाने की परंपरा है. माना गया है कि इस दिन काशी की धरती पर स्वयं भगवान उतर कर देव-दीपावली मनाते हैं. तमाम लोग इस दिन भी तुलसी माता की पूजा व विवाह करते हैं.

30 सालों बाद बना ये संयोग

पंचांग के अनुसार इस साल 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा पर 30 वर्ष बाद शश राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो बेहद लाभकारी है। माना जाता है कि शश राजयोग बनने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुधरती है.

इन चीजों का करें दान

कार्तिक पूर्णिमा पर तिल का दान करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन वस्त्रों का दान करना चाहिए। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि वस्त्रों का दान करने से पितरों का आशीर्वाद वंशों पर बना रहता है।

माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। यही नहीं गुड़ का दान करने से घर से दरिद्रता भी दूर होती है।

अन्न का दान जीवन का सबसे बड़ा दान माना गया है. कहा जाता है कि इसका दान करने से व्यक्ति के घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती हैं।

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)

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