KMCLU:हाईटेक होगा ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, रोजगार के लिए नहीं भटकना होगा छात्रों को, उद्योगों के साथ मजबूत होंगे सम्बंध, देखें किन 15 बिंदुओं पर शुरू किया गया काम
लखनऊ। अब धीरे-धीरे ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (KMCLU) की तस्वीर बदल रही है। अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय होने का टैग भी हट रहा है। अब यहां हर जाति और धर्म के विद्यार्थी बढ़ चढ़ का शिक्षा प्राप्त करने के लिए एडमीशन ले रहे हैं, तो वहीं हाल ही में कुलपति का पद सम्भालने के बाद प्रो. एनबी सिंह ने उन 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं की घोषणा की है, जिसके आधार पर विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाया जाएगा और विद्यार्थियों के हित में जो भी होगा, उसे हर हाल में किया जाएगा। तो देखें कौन से हैं 15 बिंदु जिसके आधार पर नई गाथा लिखने को तैयार हो रहा है अपना KMCLU।
1-जल्द ही लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020। इसके बाद पठन-पाठन की पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी। विद्यार्थियों को रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया होंगे।
2-नैक के दिशा-निर्देशों के अनुसार नैक एक्रीडेशन।
3-अनुसंधान, स्टार्ट-अप और परामर्श नियम तैयार करना। अनुसंधान कंसोर्टियम तैयार कर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को शोध प्रकाशनों और शोध प्रस्तावों के लिए प्रेरित करना।
4-सभी स्टेक होल्डर्स को सम्मिलित कर बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार करना एवं विश्वविद्यालय में अनुसंधान और नवाचार को गति प्रदान करना।
5-छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को गुड प्रैक्टिस, सामुदायिक सेवाओं, ग्रामीण जुड़ाव, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों (एसईडीजी) की मदद के लिए प्रेरित करना।
6-अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय होने की धारणा बदलने के लिए विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों में जनता और हितधारकों की भागीदारी और सहयोग को बढ़ाना।
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7-इंटर कॉलेजों में विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों और अवसरों के बारे में जानकारी प्रसारित करना और छात्र नामांकन बढ़ाने के लिये अन्य विश्वविद्यालयों का सहयोग प्राप्त करना।
8-प्रमुख संस्थानों/विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन और विदेशी छात्रों को आकर्षित करना।
9-स्टार्ट अप और इनक्यूबेशन गतिविधियों के लिए सुविधा सृजित करना। कौशल विकास, वास्तविक दुनिया की समस्याओं के निवारण और रोज़गार के अवसरों के लिए विश्वविद्यालय-उद्योग संबंधों को मज़बूत करना।
10-एम्बेडिंग तकनीक और भाषा को बढ़ावा देते हुए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित शिक्षण-शिक्षा और एकीकृत शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (आईएलएमएस), अकादमिक क्रेडिट बैंक, ई-लाइब्रेरी और अन्य ई-संसाधनों का कार्यान्वयन।
11-आंतरिक राजस्व सृजन (आईआरजी) बढ़ाना।
12-माँग के आधार पर नए विषयों में सर्टिफिकेट/डिप्लोमा/यूजी/पीजी शुरू करना।
13-कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय और अन्य परिसर सुविधाओं में सुधार और उन्हें हर समय अच्छी स्थिति और कार्यात्मक रखने के उपाय करना।
14-पारदर्शी, निष्पक्ष, उत्तरदायी और कुशल शैक्षणिक शासन स्थापित करना, अनुशासन बनाए रखने एवं उसकी 360° निगरानी करना।
15-छात्रों / शोधार्थियों को विश्विद्यालय कार्य अवधि के बाद भी सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
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