LU:असिस्टेंट प्रोफेसर, उच्च शिक्षा और राजकीय इंटर कॉलेज प्रवक्ता के घोषित परिणामों मे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों का दबदबा कायम, विदेशी छात्र भी हो रहे मुरीद, ईरान-इराक सहित 58 देशों के छात्रों ने किए आवेदन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर के घोषित परिणामों मे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने फिर से लखनऊ विश्विद्यालय का दबदबा कायम रखा है। इन परिणामों में लखनऊ विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग से अंजली यादव और मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग से सौरभ रे एवं रविंद्र सिंह यादव का चयन हुआ है। इसी तरह पहले भी कई प्रतियोगी परिक्षाओं में विद्यार्थियों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं, जिससे प्रभावित होकर विदेशी छात्र भी लखनऊ विश्वविद्यालय के मुरीद हो गए हैं। इसका उदाहरण हाल ही में विदेश से प्राप्त हुए आवेदन हैं, जिसमें करीब 58 देशों के विद्यार्थियों ने विभिन्न कोर्स को करने के लिए आवेदन किया है।
लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पद के लिए भी लखनऊ विश्वविद्यालय से कुल 11 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ है। इनमें समाजशास्त्र विभाग से सरिता वर्मा, निशांत श्रीवास्तव, अंचल मिश्रा, सौरभ गुप्ता, अजय शुक्ला, सुखविंदर कुमार; उर्दू विभाग से अली जफर, मोहम्मद रफी, इमामुद्दीन; प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग से दीपक कुमार और भौतिक शास्त्र विभाग से प्रशांत सक्सेना का चयन हुआ है।
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इनमें सरिता वर्मा ने इस परीक्षा में प्रथम स्थान, अंचल मिश्रा ने द्वितीय स्थान, इमामुद्दीन ने तृतीय स्थान और अली जफर ने पांचवा स्थान प्राप्त किया है। प्रशांत सक्सेना ने इस परीक्षा के साथ-साथ राजकीय पॉलिटेक्निक में प्रवक्ता पद हेतु भी परीक्षा को उत्तीर्ण किया है। इन छात्रों का चयन राज्य स्तरीय लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है, जिसमे उनके सामान्य ज्ञान के साथ विषय मे अकादमिक उत्कृष्टता की परीक्षा ली जाती है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने सभी सफल छात्रों को बधाई देते हुए उन्हें आगे भी अकादमिक उत्कृष्टता की दिशा मे कार्य करने के लिए प्रेरित किया। अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने सभी सफल छात्रों को हार्दिक बधाई देते हुए बताया कि अभी कुछ विभागों के परिणाम प्रतीक्षित हैं, जिससे सफल अभ्यर्थियों की संख्या मे और बढोत्तरी हो सकती है।
विश्वस्तर पर भी बज रहा विश्वविद्यालय का डंका
लखनऊ विश्वविद्यालय की अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उत्तरोत्तर बढ़ रही ख्याति का परिणाम है कि इस बार विदेशी विद्यार्थियों के लगभग 800 से ज्यादा आवेदन आये हैं। बीते 31 मई तक भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद (आईसीसीआर ) के माध्यम से 766 विदेशी विद्यार्थियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन किया है। रोचक बात यह है कि इनके अतिरिक्त लगभग 35 विद्यार्थियों ने स्वयं सेल्फ फाइनांस केटेगरी में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन किया है जब कि बीते वर्षों में स्ववित्त पोषित आवेदनों कि संख्या इकाइयों में ही रहती थी। अभी भी सेल्फ फाइनांस केटेगरी में आवेदन के लिए विदेशी छात्र सूचनाएँ प्राप्त कर रहे हैं और यह संख्या बढ़ने कि सम्भावना है। विश्वविद्यालय के लगभग सभी संकायों में आवेदन किए जा रहे हैं।
इन देशों से पहली बार आए आवेदन
तुर्कमेनिस्तान, लिथुआनिया , गिनी , कोमोरोस, उज़्बेकिस्तान, त्रिनिदाद और टोबैगो, अंगोला, सिएरा लीओन जैसे देशों से इस बार पहली बार आवेदन प्राप्त हुए हैं। पिछले वर्ष लगभग छह सौ छात्रों ने आवेदन किया था और लगभग 300 छात्रों के आने कि सम्भावना थी, किन्तु कोविड के प्रकोप के चलते जुलाई अगस्त मेंअंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद रहीं और अधिकांश विदेशी विद्यार्थी आ नहीं पाये।
इन देशों से भी छात्रों ने किए आवेदन
इस बार जापान , मालदीव्स , ज़ाम्बिया , थाईलैंड, बुरुंडी , लिथुआनिया , गिनी , मडागास्कर , कोमोरोस , इथियोपिया , मोरक्को , लाओस, मॉरिशस, सूडान , मलावी , इंडोनेशिया , नेपाल, बांग्लादेश ,तंज़ानिया , विएतनाम ,सीरिआ ,केन्या , तुर्कमेनिस्तान ,चाड, लेसोथो ,गैम्बिया , सोमालिया ,जॉर्डन, यमन ,यूगांडा , लाइबेरिया ,घाना , बोत्सवाना ,रवांडा , कम्बोडिया ,श्रीलंका ,नाइजीरिया ,अंगोला , सिएरा लीओन ,मॉरिशस ,उज़्बेकिस्तान ,ताजीकिस्तान ईरान , इराक , त्रिनिदाद और टोबैगो,मोजांबिक अफ़ग़ानिस्तान आदि लगभग पचास देशों से आवेदन आये हैं। आवेदन सबसे ज्यादा अफ्रीकी देशों के हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक लगभग सभी संकायों में आवेदन आए हैं। गत वर्ष लगभग छह सौ छात्रों ने आवेदन किया था और लगभग 300 छात्रों के आने कि सम्भावना थी ,किन्तु कोविड के प्रकोप के चलते जुलाई अगस्त में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद रहीं और अधिकांश विदेशी विद्यार्थी आ नहीं पाये, लेकिन जैसे ही कोरोना महामारी की गति धीमी पड़ी, वैसे ही विद्यार्थियों ने आवेदन शुरू कर दिए हैं।