Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में नव संवत्सर औऱ चैत्र नवरात्रि-राम नवमी समारोह का आयोजन, मां दुर्गा पर प्रस्तुत हुआ नृत्य-तस्वीरें
Lucknow University: सांस्कृतिकी, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आज यानी 01 अप्रैल को ए.पी. सेन सभागार में नव संवत्सर एवं चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में एक भव्य सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण अर्धनारीश्वर पर नृत्य व “अहिल्याबाई होल्कर” नाटक रहे, जिसे इसके ऐतिहासिक गहराई और प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए सराहा गया।
इस मौके पर माँ दुर्गा को समर्पित नृत्य प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की गई, जिसमें शास्त्रीय और समकालीन दोनों शैलियाँ शामिल थीं. इस नृत्य में अंजलि द्विवेदी ने ऐगिरी नंदिनी, अनन्या सिंह और वंशिका श्रीवास्तव ने मां भवानी, सुहानी ने महाकाली, रुक्मिणी निषाद ने आई जगदंबे, स्नेहा साहू और आकृति तिवारी ने समकालीन दुर्गा गीतों का मिश्रण प्रस्तुत किया. शैक्षणिक सत्र में कई विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किए गए। ओमिशा द्विवेदी ने “शक्ति का स्पेक्ट्रम: अमृत कौर ने कैसे राष्ट्र का निर्माण किया, फिर भी विस्मृत हो गईं” विषय पर व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम प्रस्तुत करता छात्र
अन्य प्रस्तुतकर्ताओं में आयुषी द्विवेदी ने भारतीय परंपरा में महिलाओं के दार्शनिक योगदान पर चर्चा की, जबकि देवेश पांडेय ने शक्ति, प्रकृति और औपनिवेशिक भारत में महिला मताधिकार पर अपने विचार रखे। इसके अलावा, अनुभव, वैश्नवी, अक्षरा और प्रज्ञा ने दिव्य शक्ति, शाक्त परंपरा में संगीत और महिला केंद्रित कानूनों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
सांस्कृतिक सत्र में शानदार तबला वादन और बांसुरी वादन प्रस्तुत किया गया. अच्युत ने अपनी तबला प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। स्वर्णिम सिंह ने राग दुर्गा में अपनी बांसुरी वादन प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। वाद-विवाद प्रतियोगिता के लिए आर्यन कुशवाहा और अतुलित पांडे, कविता के लिए अर्पणा मिश्रा और मोनो एक्टिंग के लिए शशिकांत को कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का समापन प्रो. आंचल श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी वक्ताओं, कलाकारों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन हिंदू नव वर्ष, नवरात्रि और राम नवमी के संगीत, नृत्य, इतिहास और दर्शन के सुंदर समन्वय को दर्शाने में सफल रहा और इन शुभ अवसरों के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया।
इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मनुका खन्ना, सांस्कृतिकी निदेशक प्रो. अंचल श्रीवास्तव और विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन इला, निष्ठा ओझा और अभिन्न श्याम तिवारी ने किया। कार्यक्रम ने बौद्धिक विमर्श और कलात्मक प्रस्तुतियों को एक मंच पर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति के दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।