NCRB Report 2023: NCRB की रिपोर्ट ने डराया…अपहरण के मामले में देश में नंबर वन है यूपी, एक साल में दर्ज हुई सबसे अधिक FIR, देखें क्या है महिला अपराध के आंकड़े
NCRB Report 2023: यूपी में अपराध के ग्राफ को लेकर NCRB की डरा देने वाली रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट की मानें तो साल 2022 में भारत में अपहरण के एक लाख से अधिक मामले दर्ज हुए और इस तरह से अपहरण के मामले में यूपी पहले स्थान पर रहा. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) ने आंकड़ों के जरिए यूपी सहित देश के अन्य हिस्सों को लेकर जानकारी दी है. इसके मुताबिक, देश में अपहरण के हर दिन औसतन 294 से अधिक, जबकि हर घंटे 12 से ज्यादा मामले दर्ज किये गये.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में देश में प्रति एक लाख आबादी पर अपराध की औसत दर 7.8 थी, जबकि ऐसे अपराधों में आरोप पत्र दायर करने की दर 36.4 थी. अपहरण को लेकर एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि, 2022 में देश में अपहरण के 1,07,588 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1,01,707 और 2020 में 84,805 था.
अपहरण के मामले सबसे अधिक
एनसीआरबी की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके मुताबिक, दिल्ली में 2022 में अपहरण की 5,641, 2021 में 5,527 और 2020 में 4,062 FIR दर्ज की गईं. तो वहीं यूपी में 2022 में अपहरण के सबसे ज्यादा 16,262 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 14,554 और 2020 में 12,913 थे.
महिलाओं के प्रति कम हुआ है अपराध
फिलहाल राहत की बात है कि महिलाओं को लेकर अपराध यूपी में कम हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में महिलाओं औऱ बच्चों के प्रति अपराध, हत्या और लूट के मामले अन्य राज्यों की अपेक्षा कम हुए हैं. इन अपराधों के मामले में यूपी की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है. स्पेशल डीजीपी प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि, “हत्या में यूपी 28वें, हत्या के प्रयास में 25वें, छेड़छाड़ में 17वें, अपहरण में 30वें स्थान पर है और महिलाओं के खिलाफ अपराध में यूपी 14वें स्थान पर है.”
महिलाओं के खिलाफ सजा मामले में पहले स्थान पर है यूपी
डीजीपी ने बताया कि,” महिलाओं के खिलाफ सजा मामले में यूपी पहले स्थान पर पहुंच गया है.” इसी के साथ डीजीपी ने कानून व्यवस्था में सुधार के लिए योगी सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को बड़ा कारण बताया. इसी के साथ ये भी कहा कि, अपराध के प्रति योगी सरकार के सख्त रवैया का असर भी दिखाई दे रहा है.