नूपुर शर्मा ने दो दिन से नहीं किया कोई नया ट्विट, आखिरी ट्विट था माफी मांगने का, भाजपा से निकाले जाने के बाद भी नहीं हटाया है BJP, ब्राह्मण समाज खड़ा हुआ नुपूर के पक्ष में, जानें पूरे मामले की कहां है जड़, देखें वायरल वीडियो

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भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा फिलहाल किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उनके एक बयान के बाद मात्र एक हफ्ते के अंदर उनका नाम न केवल देश के बच्चों की जुंबा पर रट गया है बल्कि विदेश में भी उनके जमकर चर्चे हो रहे हैं, लेकिन पिछले दो दिन से उन्होंने कोई ताजा ट्विट नहीं किया है और न ही अपने नाम के आगे से BJP हटाया है तो दूसरी ओर उनके पक्ष में पूरा ब्राह्मण समाज उतर आया है और #NupurSharma न केवल Twitter बल्कि Koo और LinkedIn सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्रेंड कर रहा है।

यह पिछले दो दिनों से है, जब से भाजपा ने उनको पार्टी की सदस्यता से निलम्बित कर दिया है। अर्थात उनको पार्टी से बाहर कर दिया है। नूपुर पर आरोप है कि उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी की है, तो वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि नूपुर ने कोई विवादित टिप्पणी नहीं की है, बल्कि नूपुर ने वही कहा है जो मुस्लिम धर्म की पवित्र किताबों में लिखा है। इस मामले में जाने-माने संत यति नरसिंहानन्द ने एक बयान जारी करते हुए दावा किया है कि नूपुर ने जो भी कहा है, वह मुस्लिम की किताबों में ही लिखा है। वह अगले जुमे को कुरान और इस्लाम का अन्य किताबें लेकर जामा मस्जिद जाकर इन साक्ष्यों को दिखाएंगे। इस सम्बंध में उनका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।

बता दें कि रविवार को नूपुर को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया है। उसके बाद उन्होंने अपने कहे बयान पर माफी मांग ली थी। इसके बाद से ही उनका कोई ट्विट सामने नहीं आया है। जबकि वह प्रतिदिन तीन से चार ट्विट करती थीं। तो वहीं उन्होंने पहले भी अपनी जान को खतरा बताया था। बता दें कि हाल ही में एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद को लेकर एक बयान दिया था, जिसे विवादित बताते हुए उनका जमकर एक वर्ग द्वारा विरोध किया जा रहा है और उन पर कार्यवाही की मांग की जा रही है। इसी के साथ न केवल भारत बल्कि अन्य मुस्लिम देशों में भी विरोध शुरू हो गया है। गत शुक्रवार को कानपुर में भी एक वर्ग ने पत्थरबाजी कर हिंसा का रूप दिया तो वहीं रविवार की देर शाम तक खाड़ी देश भी नूपुर शर्मा के विरोध में उतर आए थे और भारत सरकार से स्पष्टीकरण तक मांग लिया था।

कतर, कुवैत, ईरान आदि मुस्लिम देशों ने भारत के राजदूत को तलब तक कर लिया था, लेकिन भारत ने भी इसका कड़ा जवाब दे दिया है। तो दूसरी ओर जहां भारत की ओर से सोशल मीडिया पर कतर एयरवेज (#BycottQatarAirways) सहित मुस्लिम देशों की सामग्री का बहिष्कार करने का अभियान चलाया जा रहा है, तो वहीं कुवैत की सुपरमार्केट से भारतीय उत्पादों को भी हटाए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि इस पूरे फसाद की जड़ कहां से शुरू हुई, जिस कर शायद किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। दरअसल हाल ही में कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद से शिवलिंग की आकृति की प्रतिमा वजूखाने के स्थान से मिली है, जिसे लेकर हिंदू पक्ष जहा इस आकृति को शिवलिंग कह रहे हैं तो वहीं मुस्लिम इसे फव्वारा बता रहे हैं और तो और तमाम आपत्तिजनक बाते भी शिवलिंग को लेकर पिछले एक महीने से कर रहे हैं।

इसी के बाद से हिंदू पक्ष के धर्म का लगातार अपमान किया जाता रहा, जबकि मामला कोर्ट में है, तो जब कर कोर्ट कोई फैसला न सुना दे, तब कर किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता। बावजुद इसके एक वर्ग लगातार शिवलिंग को लेकर तमाम तरह के आपत्तिजनक बाते कहता रहा और सोशल मीडिया पर जमकर माखौल उड़ाया गया। नूपुर ने भी अपने एक बयान में यही कहा है कि लगातार सनातन धर्म व शिवलिंग पर किए जा रहे प्रहार के बाद ही उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद को लेकर उनके मुंह से यह बात निकल गई। जिसे तमाम जानकार लोग सही बता रहे हैं। अगर लोगों को यह लगता है कि नूपुर ने विवादित बयान दिया है और पैगम्बर मोहम्मद का अपमान हुआ है, तो शिवलिंग का अपमान भी तो उन्होंने पहले किया।

यही वो वायरल वीडियो है, जिसको लेकर नूपुर शर्मा पर आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि नूपुर ने इस वीडियो को एडिटेड बताया है।

इस तरह देखा जाए तो दोनों धर्मों के धर्म का अपमान हुआ और दोनों की धर्मिक भावनाएं आहत हुईं। ऐसे में दोनों पक्षों को एक साथ आकर एक-दूसरे से माफी मांगनी चाहिए, ताकि भारत में जो गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल दी जाती है वह जिंदा रहे और भारत के मुस्लिम समुदाय को चाहिए कि वह खुलकर सामने आएं और बोलें कि उनको दूसरे किसी भी देश को हमारे आंतरिक मामले में बोलने का कोई हक नहीं है। लेकिन इस ओर किसी की भी नजर नहीं जा रही है, बस आरोप-प्रत्यारोप जारी है। इस तरह से भारत की छवि पूरे विश्व भर में खराब हो रही है। फिलहाल तो अब सभी की निगाहें यति नरसिंहानन्द के किए दावे पर टिकी हुई है। (यह लेख सम्पादकीय के रूप में पूरे माहौल को देखते हुए लिखा गया है, ताकि भारत की शांति बनी रहे। इसे गलत अर्थों में न लें)। सभी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया से लिए गए हैं।

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