SHIKSHAK PARV CONCLAVE: प्रधानमंत्री ने कहा, ग्लोबल स्टैंडर्ड पर खरा उतरने की क्षमता रखते हैं हमारे शिक्षक, देखें लाइव वीडियो
नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक पर्व कान्क्लेव का आयोजन देश में किया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शिक्षकों का सम्मान किया और कई नई योजनाओं की शुरूआत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा नहीं मानते, उनके लिए पढ़ाना एक मानवीय संवेदना है। एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है।
Speaking at the #ShikshakParv conclave. https://t.co/vo1RalLEnu
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2021
देखिए और क्या कहा प्रधानमंत्री ने
मैं सबसे पहले, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले हमारे शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो योगदान दिया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को दी बधाई
आज शिक्षक पर्व के अवसर पर अनेक नई योजनाओं का प्रारंभ हुआ है।
ये initiatives इसलिए भी अहम है क्योंकि देश अभी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
आज़ादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
शिक्षक पर्व पर अनेक नई योजनाओं की शुरूआत हुई
NEP के formulation से लेकर implementation तक, हर स्तर पर academicians का, experts का, teachers का, सबका योगदान रहा है।
आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं।
अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है: PM @narendramodi #ShikshakParv
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
हर स्तर पर teachers का है योगदान
देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक platform की तरह है।
इसमें हमारे समाज को, हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है: PM
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‘विद्यांजलि 2.0’ है एक platform
जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है।
पिछले 6-7 वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था: PM
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जनभागीदारी बनता जा रहा है भारत का नेशनल कैरेक्टर
शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में National Digital Educational Architecture यानी, N-DEAR की भी बड़ी भूमिका होने वाली है।
जैसे UPI इंटरफेस ने बैंकिंग सेक्टर को revolutionize किया है, वैसे ही N-DEAR सभी academic activities के बीच एक सुपर कनेक्ट का काम करेगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
N-DEAR की बड़ी भूमिका होने वाली है
आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए education न केवल Inclusive होनी चाहिए बल्कि equitable भी होनी चाहिए।
इसीलिए, आज देश Talking बुक्स और Audio बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
आज तकनीकि बन रही है शिक्षा का हिस्सा
तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है।
‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए देश अपने टीचर्स को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है: PM @narendramodi #ShikshakParv
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
बदलाव के लिए तैयार हैं अपने टीचर्स
भारत के शिक्षकों में किसी भी ग्लोबल स्टैंडर्ड पर खरा उतरने की क्षमता तो है ही, साथ ही उनके पास अपनी विशेष पूंजी भी है।
उनकी ये विशेष पूंजी, ये विशेष ताकत है उनके भीतर के भारतीय संस्कार: PM @narendramodi #ShikshakParv
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
ग्लोबल स्टैंडर्ड पर खरा उतरने की क्षमता है अपने शिक्षकों में
हमारे शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा नहीं मानते, उनके लिए पढ़ाना एक मानवीय संवेदना है, एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है।
इसीलिए, हमारे यहाँ शिक्षक और बच्चों के बीच professional रिश्ता नहीं होता, बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है।
और ये रिश्ता, ये संबंध पूरे जीवन का होता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2021
हमारे शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा नहीं मानते