भावुक होकर वह बोले कि विगत छह वर्षों की यात्रा में मेरे द्वारा किए गए कार्यों और दायित्व निर्वाह में आप के द्वारा प्रकट किए गए विश्वास और स्नेह से मैं हमेशा अभिभूत रहूँगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आप सभी सदैव प्रसन्न और स्वस्थ रहें।