Taj Mahal: ताजमहल का ‘दिल’ कहे जाने वाले इस हिस्से पर किसान ने ठोका दावा… एंट्री पर लगाई रोक; जानें क्या है पूरा मामला
Taj Mahal: ताजमहल की जान कहे जाने वाले हिस्से पर एक किसान ने दावा ठोक दिया है. दरअसल ताजमहल के पास ग्यारह सीढ़ी पार्क को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस पार्क में जमीन के कुछ हिस्से पर एक किसान ने दावा किया है और कहा है कि ये हिस्सा उनका है. मालूम हो कि यमुना किनारे बने इस पार्क से बड़ी संख्या में पर्यटक ताजमहल का सनसेट व्यू देखने के लिए आते हैं और जमकर अपनी तस्वीरें लेते हैं. माना जाता है कि इस हिस्से से ताजमहल की सबसे अधिक खूबसूरत झलक दिखाई देती है तो वहीं किसान का कहना है कि ये उनकी पुश्तैनी जमीन है और लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद कोर्ट ने उन्हें इसका मालिकाना हक दिया है.
40 साल की कानूनी लड़ाई पर दर्ज की जीत
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कछपुरा के रहने वाले किसान मुन्ना लाल का कहना है कि उन्होंने पार्क के अंदर छह बीघा जमीन के लिए चालीस साल की लंबी कानूनी लड़ाई जीती है. लाल ने इस जमीन को ट्रैक्टर से जोत दिया है. इसके अलावा उन्होंने इस जमीन को चारों ओर तार से घेर दिया है और बैरिकेड्स लगा दिए हैं. इसी के साथ ही इस जगह पर आम जनता की एंट्री पर भी उन्होंने प्रतिबंध लगा दिया है.
जानें क्या है पूरा विवाद?
किसान मुन्ना लाल ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि इस जमीन पर उनके पिता और चाचा खेती करते थे. उन्होंने ये भी दावा किया है कि जमीन के डॉक्यूमेंट्स पर भी उनके नाम लिखे हैं लेकिन 1976 में सीलिंग के चलते ये जमीन उनके हाथ से निकल गई थी. इसी के आगे उन्होंने ये भी बताया कि 1998 और 2020 के जिला न्यायालय के दस्तावेजों में इस भूमि का ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप लाल के पक्ष में दर्ज है. मुन्ना लाल ने अपने बयान में ये भी कहा है कि ‘मेरे परिवार ने इस जमीन को सुरक्षित रखने के लिए 40 साल की कानूनी लड़ाई लड़ी है. हमारे पास अदालत के आदेश और कानूनी दस्तावेज़ हैं. 2020 में उपजिलाधिकारी कार्यालय ने हमारी इस जमीन पर स्वामित्व की पुष्टि की थी, रेवेन्यू रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
पूरे मामले की हो रही है जांच
इस पूरे मामले को लेकर आगरा की मंडलायुक्त ऋतु महेश्वरी ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि यह जमीन आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) के अधिकार क्षेत्र में आती है. इस पार्क की देखरेख ADA करती है. ये ऐतिहासिक पार्क मेहताब बाग के पास है. एडीए का उद्देश्य इस पार्क को एक आकर्षक मनोरंजन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करना है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.
जानें कैसे है मुगल सम्राट हुमायूं से इसका खास रिश्ता
बता दें कि सूर्यास्त के समय इस जगह से ताजमहल को देखने वालों की भीड़ लगती है और लोग यहां से ताजमहल के साथ अपनी खूबसूरत यादों को फोटो के माध्यम से संजोकर रखते हैं. मुगल सम्राट हुमायूं ने इस पार्क का इस्तेमाल वेधशाला के रूप में किया था. पर्यटक गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शकील चौहान ने कहा, ‘सूर्यास्त के समय ताजमहल देखने वालों की यहां भीड़ लगती है लेकिन नए विाद ने अब कई सवाल खड़े कर दिए हैं’. मालूम हो कि इस पार्क में 2023 में ताज महोत्सव का आयोजन हुआ था. इसके अलावा यहां 1997 में ग्रीक संगीतकार यन्नी एक कॉन्सर्ट का आयोजन भी हुआ था.
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