अपनी सोंधी चाय की खुश्बू बिखेरने के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी जल्द ही आ रहे हैं MBA चायवाला, एक झूठ और आइडिया ने बना दिया ब्रांड, भारत की तरक्की के लिए दिए टिप्स, देखें वीडियो
अपनी सोंधी चाय की खुश्बू बिखेरने के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी में जल्द ही MBA चायवाला अपने शानदार आउटलेट के साथ आ रहे हैं। फिलहाल इसकी तारीख अभी सामने नहीं आ सकी है। अगर बात करें इस जानकारी की तो Linkedin पर इसकी जानकारी तेजी से वायरल हो रही है। बता दें कि कभी फुटपाथ से चाय बेचने का काम शुरू करने वाले प्रफुल्ल बिल्लौरे (Prafull Billore) के ब्रांड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए न केवल देश बल्कि विदेशों से मांग बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर MBA चायवाला के लाखों में फॉलोवर हैं जो कि उनको अपना आदर्श मानते हैं और उनकी तरह ही कुछ कर गुजरने की चाह रखते हैं।
पहले पूजा फिर आउटलेट
बता दें कि प्रफुल्ल बिल्लौरे (prafull billore), जो कि ‘MBA चायवाला’ के नाम से न केवल देश बल्कि विदेशों में भी जाने जाते हैं, अब किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आज वह जिस मुकाम पर है, वहां पहुंचने के लिए न केवल उन्होंने जमीन से जुड़कर काम किया बल्कि आज बड़ी सफलता हासिल करने के बाद भी जमीन से ही जुड़े हुए हैं। जहां आजकल युवा अपने संस्कारों व संस्कृति तो भूलकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर भाग रहे हैं वहीं 26 साल के प्रफुल्ल अपने किसी भी आउटलेट को शुरू करने से पहले सनातन धर्म के अनुसार पहले पूजा-पाठ करते हैं, इसके बाद ही आउटलेट की शुरूआत करते हैं। प्रफुल्ल का मानना है कि काम कोई छोटा, या बड़ा नहीं होता। काम, काम होता है। हमें हर व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए, चाहे वह कोई चपरासी ही क्यों न हो।
देखें क्यों चुना ब्रांड के लिए MBA
मीडिया सूत्रों की मानें तो 26 साल के प्रफुल्ल के चाय का बिजनेस आज करोड़ों का टर्नओवर हासिल कर रहा है। 20 साल की उम्र में MBA की तैयारी करने के लिए प्रफुल्ल घर से निकले थे, लेकिन तब वह नहीं जानते थे कि यहीं MBA एक दिन दुनिया भर में उन्हें मशहूर कर देगा। इंदौर (indore) से अहमदाबाद (Ahmedabad) पहुंचे प्रफुल्ल का सपना IIM में एडमिशन पाना था और शानदार पैकेज पर जॉब हासिल कर, एक शानदार जिंदगी बिताने का था, लेकिन जब MBA में सफलता नहीं मिली तो प्रफुल्ल ने चाय का ठेला लगाने का मन बना लिया और नाम रख दिया ‘MBA चायवाला’, अब यह नाम प्रफुल्ल ने क्यों रखा, यह नहीं मालूम, (MBA में उनको सफलता नहीं मिली इसलिए यह नाम चुना, या फिर MBA से इतना प्यार था) लेकिन इस नाम ने उनको युवाओं के बीच इतना प्रसिद्ध कर दिया कि वह एक ब्रांड बन गए। युवा न केवल उनके बिजनेस के तरीके को पसंद कर रहे हैं बल्कि उनकी सादगी के भी कायल हो रहे हैं।
तो यूं आया चाय का आइडिया और फिर बोलना पड़ा पिता से झूठ
मध्य प्रदेश के धार (Dhar) जिले के एक छोटे से गांव लबरावदा के किसान परिवार के प्रफुल्ल बिल्लौरे को जब MBA में सफलता नहीं मिली तो वह दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में अपनी किस्मत अजमाई लेकिन कहीं भी उनका मन नहीं लगा। इस पर वह अहमदाबाद चले गए, जहां उनको इतना अच्छा लगा कि उन्होंने यहीं पर रहने का विचार बना लिया,लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने अहमदाबाद में मैकडॉनल्ड में नौकरी कर ली।
कुछ दिन तक नौकरी करते हुए प्रफुल्ल को एहसास हुआ कि वह पूरी जिंदगी तो नौकरी नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का मन बनाया, लेकिन किसी बड़े बिजनेस के लिए पर्याप्त पैसा न हो पाने के कारण प्रफुल्ल ने ऐसा बिजनेस करने का विचार बनाया कि कम पूंजी में ही बिजनेस शुरू हो जाए। इस पर चाय का बिजनेस शुरू करने का आइडिया उनके मन में आया और काम शुरू करने के लिए पिता से झूठ बोलकर पढ़ाई के नाम पर 10 हजार रुपए ले लिए और फिर चाय का ठेला लगा लिया।
नतीजा आप सभी के सामने है। शुरूआत में तो सफलता नहीं मिली लेकिन कड़ी मेहनत, लगन और ईमानदारी से काम करते हुए प्रफुल्ल ने अपनी स्पेशल चाय की खुश्बू को लोगों के दिलों-दिमाग में इस तरह घोली कि लोग उनके दीवाने हो गए। इसका ताजा उदाहरण है, गोरखपुर के महारंजगंज गांव की रोमा गुप्ता, जो कि 1250 किलोमीटर का रास्ता पांच दिन में तय कर प्रफुल्ल के मिलने के लिए धार पहुंची थीं, क्योंकि वह भी कड़ी मेहनत कर प्रफुल्ल की तरह ही कुछ बनना चाहती हैं। इस सम्बंध में एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पढ़ें अन्य खबरें-
LUCKNOW:चिराग गैस एजेंसी के कार्यालय में लगी आग, दस्तावेज जलकर हुए राख, देखें वीडियो