UTTAR PRADESH:हुलिया बदलने के बावजूद भी नहीं बच सकेंगे अपराधी, अत्याधुनिक कैमरों से लैस होगा पूरा प्रदेश, जानें कितने कैमरे जाएंगे खरीदे, देखें किस तरह काम करेगा FACE RECOGNITION CAMERA
लखनऊ। अब पूरे उत्तर प्रदेश को हाईटेक टेक्नॉलॉजी की मदद से सुरक्षित रखा जाएगा। योगी सरकार प्रदेश भर में ऐसे कैमरे लगवाने जा रही है, जिससे अपराधी चेहरे ढकने के बावजूद भी नहीं छुप पाएंगे और तुरंत पकड़े जाएंगे। इसीलिए तो उत्तर प्रदेश पुलिस फोर्स को आधुनिक हथियार और बॉडी वॉर्म कैमरे से लैस करके और मजबूत किया जा रहा है। साथ ही अत्याधुनिक फेस रिकग्निशन कैमरा (FACE RECOGNITION CAMERA ) भी प्रदेश भर में लगवाया जाएगा। वाराणसी में इस कैमरे के सफल होने के बाद पहले लखनऊ और फिर धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में इसे लगवाया जाएगा। जल्द ही यह पायलट प्रोजेक्ट पूरे यूपी (UP) में शुरू होगा।
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गौरतलब है कि इस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर राजधानी में गत दिनों स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने यातायात विभाग के साथ मिलकर दस चौराहों का सर्वे किया था। इससे सामने आया कि वर्तमान समय में लखनऊ में 155 कैमरों की मदद से यातायात व संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। इस सम्बंध में यातायात डीसीपी सुभाष चंद्र शाक्य ने बताया कि इन कैमरों की मदद से अपराधियों पर तो नकेल कसी ही जाएगी साथ ही उन लोगों को भी काबू में किया जाएगा, जो बेधड़क यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं।
जानें फेस रिकग्निशन कैमरे की खासियत
फेस रिकग्निशन कैमरा करीब 50 से 60 मीटर की दूरी से लोगों की फोटो के आधार पर पहचान कर लेने की क्षमता रखता है। इसका नेटवर्क सिस्टम फेस अलॉगर्थिम यानी डाटा बेस में मौजूद अपराधी की फोटो को कैमरे से कैप्चर करके पिक्चर से मिलान करेगा और उसकी विशेष पहचान कोडिंग और नाम से बता देगा। ये कैमरे अपराधियों की सालों पुरानी फोटो मास्क, हेलमेट या किसी भी प्रकार से ढके हुए चेहरों की भी पहचान कर लेने में सक्षम है। अपराधी अगर अपना हुलिया भी बदल ले तो भी इस कैमरे की नजर से नहीं बच सकेंगे। इसका साफ्टवेयर फोटो टू फोटो और फोटो टू वीडियो में भी अपराधी को सर्च कर सकता है। यदि इसके डाटा बेस से जुड़ा कोई अपराधी इस दायरे से निकलता है तो यह इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम के सिस्टम में बैठे एक्सपर्ट पुलिस कर्मियों को अलर्ट कर देता है।
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वाराणसी की सुरक्षा है इसी कैमरे के हाथ
यह अत्याधुनिक कैमरा वाराणसी में 16 स्थानों पर लगा है। अर्थात कुल 22 कैमरे वाराणसी की मुख्य जगहों पर लगाए गए हैं। ठीक वाराणसी की तर्ज पर ही लखनऊ और फिर पूरे प्रदेश में इस पायलट प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा।
संवेदनशील व अतिसंवेदनशील इलाकों पर होगी अब अत्याधुनिक ड्रोन कैमरों की नजर, स्थापित की जाएगी यूनिट
उत्तर प्रदेश पुलिस को हाइटेक करने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर ड्रोन कैमरे की यूनिट लगवाने जा रही है। इसमें बॉडी वॉर्म कैमरे, नाइट विजन युक्त ड्रोन कैमरे के साथ ही ड्रोन हाईटेक कैमरे खरीद कर एक यूनिट स्थापित की जाएगी। जो कि प्रत्येक जिले में सभी सीओ के अंडर में होगी, जिससे वे संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में जमीन से आसमान तक नजर रख सकेंगे। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को बॉडी वॉर्म कैमरे से लेस किया जाएगा। जिससे अपराधियों की गतिविधियों को कैप्चर किया जा सके।
इसी के साथ दबिश के दौरान हर गतिविधियों पर नजर भी रखी जा सकेगी। ताकि दबिश के दौरान पुलिस पर लगने वाले आरोपों पर सही कार्रवाई की जा सके। हाल ही में चंदौली की एक घटना सामने आई है, जिसमें दबिश देने गई पुलिस पर कई गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। ऐसा ही लगभग पुलिस को हर दबिश में फेस करना पड़ता है। फिलहाल गोरखपुर, बनारस और अयोध्या जैसे संवेदनशील जगह पर ड्रोन यूनिट बनाने की तैयारी की जा रही है।
खरीदे जाएंगे 25 हजार कैमरे और 75 नए ड्रोन
यूपी पुलिस के पास फिलहाल 3635 बॉडी वॉर्म कैमरे हैं। जिसमें ट्रैफिक पुलिस के पास 2652 बॉडी वॉर्म कैमरे हैं। जिसका इस्तेमाल ट्रैफिक ड्यूटी में किया जाता है। वहीं शेष थाना पुलिस विशेष स्थितियों में प्रयोग कर रही है। पुलिस विभाग को और हाइटेक करने के लिए 25 हजार कैमरे और 75 नए ड्रोन कैमरे खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन कैमरों की कोई भी फुटेज डिलीट नहीं की जा सकेगी और इस कैमरे से फुटेज को सेंट्रल सर्वर पर आसानी से भेजा भी जा सकेगा। (फोटो प्रतीकात्मक है, जिसे इंटरनेटमीडिया से लिया गया है)
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