Lucknow: सर्वे के लिए दारुल उलूम नदवा में पहुंची प्रशासनिक टीम, देखे कई दस्तावेज, इस मदरसे में बड़ी संख्या में पढ़ते हैं विदेशी छात्र, देश सहित विदेश में भी रखता है खास पहचान, जानें टीम ने क्या-क्या देखा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगातार मदरसों का सर्वे जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान रखने वाले देश के बड़े मदरसों में शुमार दारुल उलूम नदवा कॉलेज में सर्वे करने के लिए प्रशासन की टीम पहुंची है। यह कॉलेज मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भी पढ़ते हैं।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस कॉलेज में अधिकतर इंडोनेशिया, फिलीपींस और खाड़ी देशों के छात्र शिक्षा ग्रहण कर हैं। नदवा कॉलेज में प्रशासनिक टीम गुरुवार सुबह ही सर्वे करने पहुंची। प्रशासनिक टीम ने अलग-अलग विभागों में करीब दो घंटे तक पड़ताल की। सर्वे टीम की अगुवाई कर रहे सदर तहसील के उप जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि टीम ने आज नदवा कालेज का सर्वे किया।
सर्वे टीम ने बच्चों की पढ़ाई के साथ ही रहने, खानपान और दूसरी सुविधाओं का भी निरीक्षण किया। इस दौरान मदरसे को मिलने वाली आर्थिक मदद के बारे में भी प्रशासनिक टीम ने पड़ताल की। मदरसे को कहां-कहां से फंडिंग होती है और किस तरह इस्तेमाल किया जाता है टीम ने इसकी भी जानकारी की। टीम ने नदवा से कई दस्तावेज भी मांगे। दरअसल, नदवा शैक्षिक गतिविधियों के अलावा भी कई दूसरी वजहों से सुर्खियों में रहता है। नदवा कालेज में राजनीतिक दलों की भी बहुत दिलचस्पी रहती है। प्रदेश की कई सियासी पार्टियां नदवा कालेज की गतिविधियों पर बड़ी बारीकी से नजर रखती हैं।
इसके अलावा यहां समय-समय पर तमाम तरह के आयोजन भी होते रहते हैं। इस दौरान देश-विदेश से लोग आते हैं और हिस्सा लेते हैं। यही वजह है कि नदवा कालेज का विदेश के तमाम हिस्सों में भी बहुत नाम है और विदेश के लोग भी यहां की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।