AKTU News: एकेटीयू जल्द ही प्रदेश में बने जाएगा पहला हाइटेक मेकर्स लैब…इंफोसिस, डसॉल्ट और ब्रह्मोस करने जा रही है ये काम; 200 करोड़ से अधिक का होगा प्रोजेक्ट
AKTU News: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय जल्द ही प्रदेश में पहला हाइटेक मेकर्स लैब स्थापित करने वाला पहला विश्वविद्यालय बन जाएगा। यह लैब इंफोसिस (Infosys) बना रही है। इसके अलावा लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांस की प्रसिद्ध कंपनी डसॉल्ट ( Dassault) और भारत (India) की ब्रह्मोस (Brahmos) कंपनी विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करेगी।
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मेकर्स लैब में जहां विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के छात्रों को आधुनिक तकनीकी और विज्ञान से जुड़ने का मौका मिलेगा। छात्र इस लैब में अपने प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप दे सकेंगे। इसी के साथ ही डसॉल्ट और ब्रह्मोस के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में तीन सालों में पांच हजार से ज्यादा छात्रों को हाईटेक और नई तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित छात्रों में से ही कुछ छात्रों को दोनों कंपनियां अपने यहां समायोजित भी करेंगी। एक ओर जहां मेकर्स लैब जल्द ही बन कर तैयार हो जाएगा, वहीं सेंटर ऑफ एक्सिलेंस जुलाई-अगस्त तक शुरू हो सकते हैं।
देश के चुनिंदा शहरों में ही है मेकर्स लैब
सॉफ्टवेयर बनाने वाली जानी-मानी कंपनी इंफोसिस विश्वविद्यालय में मेकर्स लैब बना रही है। कंपनी के एक्सपर्ट लैब को अंतिम रूम देने में लगे हुए है। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के एक हिस्से में करीब 24 सौ स्क्वॉयर फीट जगह पर बन रही लैब अपने आप में बेहद खास है। इसमें 25 हाईटेक वर्किंग स्टेशन बनाये जा रहे हैं। जिस पर बैठकर छात्र अपने प्रोजेक्ट को आकार देंगे।
इसी के साथ ही 2 राउंड टेबल, कॉन्फ्रेंसिंग एरिया, हाईटेबल और रिसेप्सन बनाये जा रहे हैं। यहां करीब 19 हजार ऑनलाइन कोर्सेस भी उपलब्ध होंगे। जिन्हें छात्र पढ़ सकते हैं। जबकि इसके लिए छात्रों को कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। कंपनी लैब की स्थापना से लेकर संचालन तक की जिम्मेदारी संभालेगी। कंपनी की ओर से ही लैब में विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। जो छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे।
कंपनी की ओर से लैब और ऑनलाइन कोर्सेस का लाभ छठीं कक्षा से लेकर पीजी तक के छात्र उठा सकेंगे। छात्रों के लिए टेक्निकल, नॉनटेक्निकल और बिजनेस कम्युनिकेशन, विज्ञान से संबंधित करीब 19 हजार ऑनलाइन कोर्सेस उपलब्ध होंगे। वहीं लैब में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स और थ्री डी प्रिंटर्स होगा। जहां छात्र अपने प्रोजेक्ट पर कार्य कर सकेंगे। छात्रों को विशेषज्ञों की सहायता भी मिलेगी। बता दें कि ऐसा लैब बैंगलोर सहित कुछ ही जगहों पर स्थापित हैं।
फ्रांस की डसॉल्ट और ब्रह्मोस करेगी ये काम
विश्वविद्यालय में फ्रांस की प्रसिद्ध लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट सिस्टम और ब्रह्मोस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलेगी। इसके लिए इनवेस्ट यूपी की ओर से कंपनी के प्रतिनिधि के साथ कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय की मौजूदगी में बैठक हो चुकी है। डसॉल्ट सिस्टम के प्रस्ताव के अनुसार यह प्रोजेक्ट करीब 2 सौ करोड़ रूपये का होगा। इस प्रोजेक्ट के जरिये कंपनी तीन सालों में करीब पांच हजार युवाओं को हाईड्रोजन, इलेक्ट्रिकल व्हीकल, एयरोस्पेश और डिफेंस, इंडस्ट्री के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट, स्टार्टअप और एडवांस स्किल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके अलावा वर्चुअल लर्निंग केंद्र व इनोवेशन हब के से मिलकर थ्री डी डिजाइनिंग, सिमुलेशन व स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग की भी जानकारी देगी। कंपनी की ओर से प्रशिक्षित छात्रों को अपने यहां समायोजित करने की भी योजना है। इसी के साथ ही कंपनी विश्वविद्यालय को हब के रूप में बनायेगी। जिससे प्रदेश भर के संबद्ध संस्थानों के छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय ने पांच हजार की जगह दस हजार छात्रों को प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र प्रशिक्षित होकर रोजगार पा सकें और देश के विकास में सहयोग कर सकें.
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