अंधेरगर्दी: लखनऊ विश्वविद्यालय ने GATE में सिलेक्ट होने वाले विद्यार्थियों की भी लगा दी बैक, हड़बड़ी में जारी किया रिजल्ट नहीं चढ़ाए प्रैक्टिकल के नम्बर, छात्रों ने शुरू किया विरोध, प्रॉक्टर ने दिया आश्वासन, देखें आरोप
लखनऊ। देश से लेकर विदेश में अपनी बेहतर शिक्षण कार्य का डंका पीटने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय फिलहाल छात्रों के साथ इंसाफ करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। हाल ही में जारी रिजल्ट के विरोध में उतरे विद्यार्थियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय (विवि) ने हड़बड़ी में रिजल्ट जारी कर दिया है।
इस वजह से भौतिक सहित विज्ञान के अन्य विषयों में प्रैक्टिकल के नम्बर ही नहीं चढ़ाए हैं। इसी के साथ छात्रों का आरोप है कि GATE (ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग ) के सामने आए परिणाम में अंडर 100 में जगह बनाने वाले विद्यार्थियों की भी बैक लगा दी गई है। इसी के साथ कई विषय तो ऐसे हैं, जिनमें एक नहीं दो नहीं बल्कि 20 से 25 विद्यार्थियों को मात्र 3-3 नम्बर ही दिए गए हैं। इस पूरे मामले का विरोध करते हुए छात्रों ने कहा है कि अगर जल्द विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों के नम्बर नहीं ठीक किए जाते तो विद्यार्थी आंदोलन को मजबूर होंगे।
इस पूरे मामले और विवि की अव्यवस्था को लेकर विद्यार्थियों में रोष व्याप्त हो गया है। इस मामले में छात्रों ने ट्विटर पर अभियान छेड़ दिया है और आरोप लगा रहे हैं कि विवि उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। शनिवार को इस सम्बंध में पहले विद्यार्थी एग्जाम कंट्रोलर से मिलने पहुंचे, लेकिन वह नहीं मिले. इस पर प्रॉक्टर डा. पूनम टंडन से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि वो कुछ नहीं कर सकती हैं।
इसके बाद प्रॉक्टर प्रो. राकेश से मिले तो उन्होंने कंट्रोलर से बात करने का आश्वासन दिया है। छात्रों ने बताया कि फिलहाल प्रैक्टिकल के नम्बर चढ़ाने की बात कही गई है, लेकिन जो कम नम्बर दिए गए हैं, उनमें किसी तरह का सुधार करने की बात नहीं कही गई है। इसी के साथ विद्यार्थियों ने एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि अगर RTI के तहत कॉपी देखने की मांग करते हैं तो कॉपी की फोटो कॉपी तो मिल जाएगी, लेकिन री-चेकिंग नहीं की जाएगी।
अर्थात अगर किसी सवाल का सही जवाब होने के बावजूद कम नम्बर दिए गए हैं तो उसने सुधार नहीं किया जाएगा, लेकिन इन सब में विद्यार्थियों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ बढ़ेगा। इस पूरे मामले को लेकर विद्यार्थियों का आरोप है कि मूल्यांकन सही नहीं किया गया है। जिस कॉपी में तीन-चार नम्बर भी छात्र को मिल रहे थे, उसे भी काट कर शून्य कर दिया गया है। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर कुछ दिन पहले कुछ छात्र-छात्राएं एग्जामिनेशन कंट्रोलर से मिले थे। इस पर छात्रों का आरोप है कि उन्होंने खुद ही कहा था कि हो सकता है कि जिस कॉपी में शून्य दिया गया है, वह टेक्निकल एरर हो। फिलहाल इस पूरे मामले में छात्र मानसिक और आर्थिक, दोनों ही रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।