Govardhan Puja Katha: पापों से मुक्ति के लिए अन्नकूट पर दें गरीबों को दान…इस मंत्र से करें गाय की पूजा; पढ़ें कथा
Govardhan Puja: दीपावली के तुरंत बाद गोवर्धन की पूजा करने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. गोवर्धन पूजा यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा होने के कारण इस दिन गायों की पूजा का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इसे अन्नकूट भी कहते हैं. ब्रजवासियों का ये मुख्य त्योहार है. माना जाता है कि अगर इस दिन गरीबों को दान दें तो भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.
आचार्य विनोद कुमार मिश्र बताते हैं कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट दिवस कहते हैं। धर्मसिन्धु आदि शास्त्रों के अनुसार गोवर्धन-पूजा के दिन गायों को सजाकर, उनकी पूजा करके उन्हें भोज्य पदार्थ आदि अर्पित करने का विधान है। इस दिन गाय को सजाकर उनकी पूजा करके नीचे दिया गया मंत्र करना चाहिये।
आचार्य सुशील शास्त्री बताते हैं कि यह पूजा भगवान कृष्ण के अवतार से बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई थी। उस समय लोग इंद्र भगवान की पूजा करते थे और छप्पन भोग लगा कर तरह-तरह की मिठाइयों का भोग लगाया करते थे। मान्यता है कि ये पकवान तथा मिठाइयां इतनी मात्रा में होती थीं, कि उनका पूरा पहाड़ बन जाता था।
जानें क्या है अन्नकूट
अन्नकूट एक प्रकार से सामूहिक भोज का आयोजन है, जिसमें पूरा परिवार और वंश एक जगह बनाई गई रसोई से भोजन करता है। इस दिन चावल, बाजरा, कढ़ी, साबुत मूंग, चौड़ा तथा सभी सब्जियां एक जगह मिलाकर बनाई जाती है। मंदिरों के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर भी इस दिन अन्नकूट बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है।
गौ-पूजन का मंत्र
लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थम् मम पापं व्यपोहतु॥
अर्थात धेनु रूप में स्थित जो लोकपालों की साक्षात लक्ष्मी है तथा जो यज्ञ के लिए घी देती है,वह गौ माता मेरे पापों का नाश करें।
रात्रि को गरीबों को यथा सम्भव अन्न दान करना चाहिये।
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