ढांचे के टूटने का न मुझे खेद है न पश्चाताप है…पूर्व सीएम कल्याण सिंह और लालकृष्ण आडवाणी का पुराना वीडियो वायरल
Babri Masjid Demolition: आज यानी 6 दिसम्बर के मौके पर यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के तमाम पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें अयोध्या राम मंदिर को बनाने की बात कही जा रही है तो वहीं कल्याण सिंह एक वीडियो में कह रहे हैं कि ढांचे के टूटने का न तो मुझे खेद है और न ही पश्चाताप…
बता दें कि 6 दिसम्बर 1992 की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है क्योंकि इस दिन अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद का ढांचा कारसेवकों द्वारा ढहा दिया गया था. हालांकि जहां पर ये ढांचा था वहां अब भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. इसी साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेंद्र मोदी के हाथो हुई है और बड़ी संख्या में भक्त रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. तो वहीं इसकी 32वीं बरसी के मौके पर दिन भर सोशल मीडिया पर पुराने वीडियो वायरल होते रहे. तो वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पूरे यूपी में पुलिस का कड़ा पहरा रहा. अयोध्या के साथ ही मथुरा और संभल में भी सुरक्षा टाइट दिखी.
“No regret. No repentance. No sorrow. No grief.”
-Kalyan Singh#BabriMasjid #Ayodhya pic.twitter.com/pn3BdWFvwQ— Shakuni Mama (@shakunimama420) December 5, 2024
कल्याण सिंह ने दे दिया था इस्तीफा
बता दें कि उस समय कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे और उनके साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर ढांचा ढहाए जाने की साजिश रचने के आरोप लगे थे. इस मामले में इन लोगों पर केस दर्ज हुआ था. बाद में कल्याण सिंह को इस मामले में एक दिन की जेल की सजा भी हुई थी. हालांकि इस प्रकरण के बाद ही कल्याण सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मार्च 1993 में कल्याण सिंह ने कहा था कि ‘विवादित ढांचे की सुरक्षा ना कर पाने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वो 464 साल पुराने गुलामी का चिन्ह था.’
सीबीआई की चार्जशीट में कल्याण सिंह पर लगे थे गंभीर आरोप
इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट के बारे में सोशल मीडिया पर वायरल खबरों में कहा गया है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस पर दाखिल सीबीआई चार्जशीट में लिखा है कि यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए 1991 में कल्याण सिंह ने कहा था कि अयोध्या में राममंदिर बनकर रहेगा. सीबीआई चार्जशीट के मुताबिक 6 दिसंबर 1992 यानी बाबरी विध्वंस के कुछ रोज पहले कल्याण सिंह ने कहा था कि रोक कंस्ट्रक्शन (निर्माण) पर लगी है, डिस्ट्रक्शन (विध्वंस) पर नहीं.
इसी के साथ ही सीबीआई चार्जशीट में कल्याण सिंह पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने मस्जिद बचाने की कोई कोशिश नहीं की. इसके अलावा बाबरी विध्वंस की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने का भी आरोप लगा था. कल्याण सिंह पर आरोप लगे कि अयोध्या में दंगे से निपटने के लिए पारामिलिट्री फोर्स मौजूद थी लेकिन उन्होंने कारसेवकों को रोकने के लिए अयोध्या में पारामिलिट्री फोर्सेज को मोबलाइज नहीं किया.
ये भी आरोप लगा कि कल्याण सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए विवादित परिसर के आसपास के 2.77 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करवाया था. हालांकि तब सरकार का कहना था कि वो इस जगह को टूरिज्म स्पॉट की तरह विकसित करेगी. जबकि इसी जमीन पर लाखों कारसेवकों के इकट्ठा होने की जगह मिली थी.
केंद्र की सरकार ने कर दिया था बर्खास्त
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के ढहा दिए जाने के तुरंत बाद ही कल्याण सिंह ने यूपी के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. तो वहीं दूसरे दिन यानी 7 दिसंबर 1992 को केंद्र की नरसिम्हा राव सरकार ने यूपी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद कल्याण सिंह ने 8 दिसंबर को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि- ‘बाबरी मस्जिद विध्वंस भगवान की मर्जी थी. मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है. कोई दुख नहीं है. कोई पछतावा नहीं है. ये सरकार राममंदिर के नाम पर बनी थी और उसका मकसद पूरा हुआ. ऐसे में सरकार राममंदिर के नाम पर कुर्बान. राम मंदिर के लिए एक क्या सैकड़ों सत्ता को ठोकर मार सकता हूं. केंद्र कभी भी मुझे गिरफ्तार करवा सकती है, क्योंकि मैं ही हूं, जिसने अपनी पार्टी के बड़े उद्देश्य को पूरा किया है.’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी के सीएम पद से हटने के बाद कल्याण सिंह ने हमेशा बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपनी भूमिका स्वीकार की. एक बार उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘कोर्ट में केस करना है तो करो. जांच आयोग बिठाना है तो बिठाओ. किसी को सजा देनी है तो मुझे दो. केंद्रीय गृहमंत्री शंकरराव चह्वाण का मेरे पास फोन आया. मैंने उनसे कहा कि ये बात रिकॉर्ड कर लो चह्वाण साहब कि मैं गोली नहीं चलाऊंगा, गोली नहीं चलाऊंगा.’ बता दें कि कल्याण सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद असलम नाम के एक आदमी ने अर्जी दाखिल की थी. कल्याण सिंह पर अवमानना की सुनवाई हुई और कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कल्याण सिंह ने कोर्ट की अवमानना की है और देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को प्रभावित किया है. इसलिए उन्हें एक दिन के लिए सांकेतिक तौर पर जेल भेजा जाए. इसके अलावा उनके ऊपर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था और फिर कल्याण सिंह को एक दिन के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल भेजा गया था.
A great son of Bharatmata !!
Happy Birthday #LalKrishnaAdvani ❤️
“Mandir Wahin Banayenge”🔥 pic.twitter.com/HhQDGg7HgX
— Kashmiri Hindu (@BattaKashmiri) November 8, 2024
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