Basant Panchami: सुंदरता, प्रेम और प्रसन्नता का प्रतीक का पर्व है बसंत पंचमी
Basant Panchami: बसन्त पञ्चमी का त्यौहार भारतीय संस्कृति में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है जो ज्ञान, कला, विद्या और साहित्य की देवी मानी जाती हैं। यह दिन विद्यार्थियों के लिए विशेष आशीर्वाद का दिन होता है। भारत के काव्य-साहित्य में बसन्त ऋतु का स्थान अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
कवियों ने इस ऋतु को अपनी रचनाओं में सुंदरता, प्रेम और प्रसन्नता का प्रतीक माना है। बसंत ऋतु का असर न केवल बाहरी वातावरण पर होता है, बल्कि यह मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव डालता है। इस समय वातावरण में ताजगी और सुखद ऊर्जा का संचार होता है, जो व्यक्ति को शान्ति और मानसिक प्रसन्नता प्रदान करता है। ठण्डी हवाओं के साथ सुहावनी धूप व्यक्ति को ऊर्जा से भर देती हैं जिससे व्यक्तियों में अप्रत्याशित उत्साह आता है और वे रचनात्मकता की ओर अग्रसर होते हैं।
यह मानसिक शान्ति, प्रेम और नवीनीकरण का भी समय है। इन विचारों के साथ ही बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज मोतीनगर लखनऊ में बसंत पंचमी के पावन पर्व का आयोजन उल्लास के साथ हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन रागिनी यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में हुआ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके पूजन अर्चन किया। उसके बाद समस्त शिक्षिकाओं एवं छात्राओं ने भी पूजा अर्चना की। छात्राओं द्वारा रंगोली बनाई गई और गीत नृत्य इत्यादि के माध्यम से मां सरस्वती की उपासना एवं वंदन किया।
तत्पश्चात प्रसाद वितरित हुआ। इस आयोजन में सीमा आलोक वार्ष्णेय, शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, रागिनी यादव,मंजुला यादव, मीनाक्षी गौतम, प्रतिभा रानी, रितु सिंह उपस्थित रहीं और सभी का सहयोग रहा।
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