बेसिक शिक्षा सचिव के निर्देश को जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों ने किया अनदेखा, या फिर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने की मनमानी, जानें क्या है पूरा मामला

March 22, 2022 by No Comments

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लखनऊ। यूपी बोर्ड की परीक्षा जहां 24 मार्च से है, वहीं परिषदीय स्कूलों की भी परीक्षा 22 मार्च से शुरू हो रही है। इसको लेकर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने 11 मार्च को एक आदेश सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किया था, जिसमें साफ लिखा था कि 12 मार्च तक जिला विद्यालय निरीक्षक एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद की ईमेल आईडी पर परिषदीय स्कूलों के प्राइमरी व जूनियर के अतिरिक्त शिक्षकों की सूचना उपलब्ध करा दी जाए ताकि माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ ही बेसिक शिक्षा की शुरू होने जा रही परीक्षा भी सुचारू रूप से संचालित हो सके।

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यहां बता दें कि सचिव ने प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत शिक्षकों को छोड़ते हुए अतिरिक्त शिक्षकों की सूची जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय व माध्यमिक शिक्षा परिषद की ईमेल आईडी पर उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे, लेकिन यूपी बोर्ड के लिए जो ड्यूटी लगाई गई है, उसमें प्रधानाध्यापकों को भी शामिल किया गया है। अब सवाल ये उठता है कि यूपी बोर्ड परीक्षा में जो प्रदेश भर के शत-प्रतिशत बेसिक शिक्षकों की ड्यूटी यूपी बोर्ड की परीक्षा में लगा दी गई है, उसमें माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अपने हिसाब से काम किया है, या फिर जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद व जिला विद्यालय निरीक्षकों को सही जानकारी ही नहीं दी।

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फिलहाल ये तो जांच का विषय है, लेकिन इस सब में नुकसान परिषदीय स्कूल के बच्चों को होने जा रहा है। क्योंकि प्रदेश के लाखों स्कूलों को केवल शिक्षा मित्रों और चपरासी के भरोसे छोड़ दिया गया। अधिकांश तो ऐसे स्कूल हैं, जिसमें शिक्षामित्र भी नहीं हैं। ऐसे में इन स्कूलों में ताला लटकने की नौबत आ गई है और ऐसे स्कूलों में जो बच्चे पढ़ते हैं, उनकी परीक्षा भी छूटने की नौबत आ गई है। नाम न बताने की शर्त पर तमाम परिषदीय शिक्षकों का आरोप है कि यह सब जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों का कियाधरा है, ताकि ड्यूटी हटवाने के नाम पर वे अपनी जेब गरम कर सकें। हालांकि यह पूरा मामला जांच का विषय है।

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