GST Council Meeting: कहां घटा-कहां बढ़ा GST…? जानें आखिर पॉपकॉर्न पर क्यों छिड़ी बहस? वित्तमंत्री को करनी पड़ गई ये अपील-Video
GST Council Meeting: जैसलमेर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के नेतृत्व में शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक हुई. इस मौके पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. तो वहीं बैठक में किसानों को ध्यान में रखते हुए भी फैसले लिए गए. किसान काली मिर्च और किशमिश बेचता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगाने का फैसला किया गया. इसी के साथ ही जीएसटी दरों में बदलाव और नई नीतियों को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय किए गए.
केंद्रीय वित्त मंत्री @nsitharaman ने राजस्थान के जैसलमेर में 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया
▪️जीएसटी परिषद ने फोर्टिफाइड चावल kernels पर दर घटाकर 5% कर दी है #GSTCouncil #GSTCouncilMeet #55thGSTCouncilMeet pic.twitter.com/HkerCnS98t
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चावल पर घटा जीएसटी
खाद्य उत्पादों के लिए उपयोग होने वाले इनपुट पर 5 प्रतिशत की रियायती दर का विस्तार किया गया है. यह योजना विशेष रूप से उन खाद्य पदार्थों पर लागू होगी जो कमजोर वर्गों को मुफ्त में वितरित किए जाते हैं. वित्त मंत्री ने ये भी बताया कि ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (AAC) ब्लॉक्स, जिनमें 50% से अधिक फ्लाई ऐश होता है, उन पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी दर लागू होगी.
व्यापारी निर्यातकों को आपूर्ति पर क्षतिपूर्ति उपकर की दर को घटाकर 0.1% कर दिया गया है, जो ऐसी आपूर्ति पर जीएसटी दर के बराबर है।
इसलिए, यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण अनुरोध था जो व्यापारियों और निर्यातकों की ओर से आया था: FM @nsitharaman
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वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने मजबूत चावल कर्नेल (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल) पर जीएसटी की दर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है. इस फैसले को समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किए गए खाद्य पदार्थों पर लागू किया जाएगा. फिलहाल फूड डिलीवरी ऐप्स पर जीएसटी पर अभी विचार नहीं किया गया है. इसी के साथ ही इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा है कि जीएसटी परिषद ने पहले से पैक और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में संशोधन की सिफारिश की है.
इस पर नहीं लागू होगा जीएसटी
पेमेंट एग्रीगेटरों को ₹2,000 से कम के लेन-देन पर छूट दी जाएगी, लेकिन यह छूट पेमेंट गेटवे पर लागू नहीं होगी. फ्लोर स्पेस इंडेक्स पर जीएसटी की चर्चा हुई लेकिन उस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. जैसलमेर में हुई बैठक में यह भी फैसला किया गया कि बैंकों और एनबीएफसी द्वारा उधारकर्ताओं से वसूले गए जुर्माने पर जीएसटी लागू नहीं होगा.
Popcorn पर क्या बोलीं वित्तमंत्री ?#GST #BreakingNews @GST_Council #GSTCouncil #GSTCouncilMeeting #popcorn #popcorntax pic.twitter.com/DVafCqQi3o
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पॉपकार्न पर छिड़ी बहस
सोशल मीडिया पर पॉपकॉर्न पर जीएसटी लगाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है तो वहीं वित्तमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वह अफवाह न फैलाएं. दरअसल बैठक में फ्लेवर्ड पॉपकॉर्न पर टैक्स मामलों पर भी विचार किया गया. जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने पॉपकॉर्न (Popcorn) पर टैक्स के बारे में यह स्पष्ट किया है कि जो पॉपकॉर्न पहले से पैक और लेबल के साथ खाने के लिए तैयार हैं, उन पर 12% का टैक्स लगाया जाएगा. बैठक में ये भी कहा गया कि अगर पॉपकॉर्न कैरेम्लाइज्ड है, तो उस पर 18% की दर से जीएसटी (GST) लागू होगा. फिलहाल पॉपकॉर्न के रेट को लेकर काउंसिल की ओर से कोई सर्कुलर जारी नहीं किया जाएगा, जिसमें यह स्पष्ट होगा कि पॉपकॉर्न पर टैक्सेशन का तरीका क्या होगा.
जानें पॉपकॉर्न पर कैसे लगेगा GST?
जहां तमाम लोग पॉपकॉर्न पर जीएसटी लगाने को लेकर केंद्र सरकार की चुटकी ले रहे हैं और वित्तमंत्री का कार्टून बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं तो वहीं इस मामले को लेकर वित्तमंत्री ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील की है. दरअसल पॉपकॉर्न पर तीन तरह से टैक्स लगेगा. पहला टैक्स इस तरह लगेगा-अगर पॉपकॉर्न (Popcorn) नमक और मसाले मिलाकर खाने के लिए तैयार किए गए हैं और पैक्ड हैं, लेकिन उन पर कोई लेबल नहीं लगा है, तो ऐसे पैक्ड पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लागू होगा. तो दूसरा-अगर पॉपकॉर्न के पैकेट पर लेबल भी लगा है तो उस पर जीएसटी बढकर 12 फीसदी हो जाएगा. तो तीसरा तरीका होगा-अगर आप कैरेम्लाइज्ड पॉपकॉर्न (चीनी के साथ तैयार किया गया पॉपकॉर्न) खरीदेंगे तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा क्योंकि ये तब चीनी कन्फेक्शनरी के समान हो जाएगा.
पहले भी लग रहा था इतना टैक्स
फिलहाल यहां ये बात साफ कर दें कि पॉपकॉर्न पर पहले भी इतना ही टैक्स लगाया जाता था. जो पॉपकॉर्न मूवी थिएटर में खाने के लिए खरीदा जाता है उस पर 5 प्रतिशत का ही टैक्स लगता है, क्योंकि वो खुले पैकेट में होता है और उस पर कोई ब्रांड का नाम नहीं होता. तो दूसरी ओर जो पॉपकॉर्न पैक्ड और लेबल वाले होते हैं उन पर पहले से ही 12 प्रतिशत टैक्स लगता था और अब भी उतना ही लगेगा. तो वहीं कैरेम्लाइज्ड पॉपकॉर्न पर पहले भी 18 फीसदी का ही जीएसटी था, जो कि अभी भी जारी रहेगा.
बता दें कि बैठक में व्यापारी निर्यातकों को आपूर्ति पर क्षतिपूर्ति उपकर की दर को घटाकर 0.1% कर दिया गया है, जो ऐसी आपूर्ति पर जीएसटी दर के बराबर है। इसलिए, यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण अनुरोध था जो व्यापारियों और निर्यातकों की ओर से आया था. सोलर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाना तय किया गया है.
ये भी फैसले
जीवन रक्षक जीन थेरेपी पर जीएसटी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है.
घरेलू सप्लायर्स को अब सिर्फ 0.1 प्रतिशत सेस देना होगा.
मर्चेंट एक्सपोर्टर्स के लिए सेस दरों में कटौती की गई है.
राज्य एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति नहीं बनी है.
राज्य नहीं चाहते हैं कि एटीएफ का मामला GoM के पास जाए.
इंश्योरंस प्रीमियम पर जीएसटी घटना को लेकर फैसला टल गया है.
IRDAI के इनपुट के बाद मंत्रियों का समूह फैसला लेगा.
न्यू रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए कॉन्सेप्ट नोट तैयार.
क्विक कॉमर्स, ई कॉमर्स फूड डिलीवरी पर GoM विचार करेगा.
नई ईवी वाहन खरीदने पर 5 प्रतिशत जीएसटी
अगर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी पुरानी इवी बेचता है तो जीएसटी नहीं लगेगा.
अगर पुराना कार को कोई बेचता है तो 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
यूज्ड एवी डीलर की खरीदने-बिक्री भाव के अंतर पर 18 प्रतिशत की जीएसटी.
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