Hanuman Jayanti-2025: हनुमान जयंती पर इस तरह करें अंजनी के लाल की पूजा…

April 11, 2025 by No Comments

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Hanuman Jayanti 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव हर साल चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. इस बार ये तिथि 12 अप्रैल को पड़ रही है. बता दें कि पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर होगी जो कि 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी.

सनातन धर्म में उदया तिथि के अनुसार व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं. इसलिए हनुमान जन्मोत्सव का पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक माना गया है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

मान्यता है कि हनुमान जी कि पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन से श्रद्धालु के कष्ट दूर होते हैं. यही वजह है कि हनुमान जयंती के दिन मंदिरों से लेकर घरों तक में अंजनी के लाल की विधिवत पूजा की जाती है. अगर हो सके तो इस दिन सुबह से ही हनुमान बाबा के भजन सुनने चाहिए. ढोलक और मंजीरे के साथ बाबा के भजन गाना बहुत ही शुभ माना गया है.

हनुमान जन्मोत्सव पर इस तरह करें पूजा

इस दिन घर की साफ-सफाई कर सुबह ही स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
इसके बाद पूजा सामग्री एकत्र कर लें. एक वेदी पर भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित करें।
प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
फूल, फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान अष्टक का पाठ करें।
इसके बाद पूरी श्रद्धा और भाव के साथ आरती करें।
अगर हो सके तो इस दिन अखंड रामायण का पाठ या फिर सुंदरकांड का पाठ करें. ऐसा करना शुभ माना जाता है।
पूजा के समापन पर पूजा में हुई गलतियों के लिए हनुमान जी से माफी जरूर मांगे।

जानें साल में दो बार क्यों मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव?

हनुमान जन्मोत्सव साल में दो बार मनाया जाता है. उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी का अवतरण हुआ था। तो दूसरी ओर दक्षिण भारत में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाने की परम्परा है. मान्यता है कि इस दिन भगवान हनुमान को देवी सीता ने अमर होने का वरदान दिया था। हालांकि उत्तर भारत में इस दिन को हनुमान जी की विजय के तौर पर मनाते हैं.

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)

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