IET: अखिल भारतीय सेमिनार में तकनीकी प्रगति और पर्यावरण पर हुई चर्चा

February 4, 2025 by No Comments

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IET: इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, (आई ०ई०आई०) यू०पी० स्टेट सेंटर, लखनऊ, एवं इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ द्वारा आई०ई०टी० संस्थान में दिनांक 04 एवं 05 फरवरी 2025 को Green Renewable Electronics for Environmental Nurturing and Sustainability” (GREENS) शीर्षक पर दो दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार का उद्देश्य तेजी से बढ़ती हुई तकनीकी प्रगति और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स में टिकाऊ प्रथाओं की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करना है।

यह हरित इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रगति के लिए सहयोग और अन्वेषण के लिए शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और शिक्षकों को एकजुट करेगा कार्यक्रम का उद्घाटन सेमिनार के मुख्य अतिथि व चीफ पैट्रन डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश लखनऊ के कुलपति महोदय प्रोफेसर जय प्रकाश पांडे, गेस्ट ऑफ हॉनर व विद्युत प्रणाली, विद्युत मंत्रालय, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण यूपी के सदस्य अशोक कुमार राजपूत, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल एवं आई०ई०आई० यू०पी० स्टेट सेंटर, लखनऊ के सदस्यों, सेमिनार समन्वयक प्रोफेसर नीलम श्रीवास्तव, उप–समन्वयक प्रोफेसर सुबोध वैरया एवं संस्थान के शिक्षको के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया।

उद्घाटन समारोह में विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य, शोध विद्वान और आई०ई०टी० और लखनऊ के विभिन्न तकनिकी संस्थानों के छात्र/छात्राएं शामिल हुए। इस कार्यक्रम के प्रथम दिन के आयोजन में अमितोष वर्मा ने ग्रिड से जुड़े सौर पीवी संयंत्रों की दक्षता और विश्वसनीयता पर चर्चा की, जबकि बीरेंद्र मौर्य ने हरित दूरसंचार और ई-कचरा प्रबंधन पर सरकारी पहलों पर प्रकाश डाला। डॉ. रितु सोरयान ने वास्तविक दुनिया की स्थिरता प्रथाओं के लिए शिक्षा में नीति कार्यान्वयन की भूमिका पर जोर दिया।

डॉ. वाणी भार्गव ने ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए मल्टीलेवल इन्वर्टर तकनीक में प्रगति की खोज की। गौरव दीक्षित ने हरित आईटी अवसंरचना और ऊर्जा-कुशल कंप्यूटिंग समाधानों के बारे में बात की। डॉ. रमेश पुडाले ने हरित करियर और संधारणीय इंजीनियरिंग में उभरते अवसरों के बारे में जानकारी दी, जबकि डॉ. अदिति शर्मा ने पर्यावरण के अनुकूल शहरी स्थानों को बनाने के लिए संधारणीय IoT-आधारित स्मार्ट सिटी अवसंरचना की वकालत की।

मुख्य सत्रों के बाद, छात्र/छात्राओं, शोध विद्वानों और संकाय सदस्यों द्वारा लगभग 30 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें हरित अक्षय इलेक्ट्रॉनिक्स में अभिनव समाधानों पर चर्चा को बढ़ावा दिया गया। सेमिनार का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है, पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स में संधारणीय प्रगति को बढ़ावा देना है।

यह कार्यक्रम अपने दूसरे दिन और अधिक तकनीकी सत्रों, चर्चाओं और प्रस्तुतियों के साथ जारी रहेगा। हाइब्रिड मोड में लगभग 300 प्रतिभागियों की भागीदारी के साथ, यह सेमिनार इलेक्ट्रॉनिक्स में पर्यावरण-अनुकूल तकनीकी नवाचारों की खोज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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