ATM से पैसा निकालने में जरा सा भी चूके तो ‘सोपोरा’ खाली कर देगा आपका बैंक एकाउंट, बरतें ये सावधानी
लखनऊ। देश के कोने-कोने और विदेशों में बैठे साइबर जालसाज आपकी मेहनत की कमाई उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह आए दिन नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसमें ऑनलाइन सॉफ्टवेयर उनकी खासा मदद कर रहे हैं। साइबर जालसाजों ने अब फ्रॉड के लिए सोपोरा नामक सॉफ्टवेयर की मदद से देश और विदेश में बैठे जालसाज आपके बैंक खातों से मोटी रकम उड़ा रहे हैं।
ऐसे बैंक खातों से उड़ाई जा रही है आपकी मेहनत की कमाई
एटीएम बूथ पर आप जैसे ही रुपये निकालने जाते हैं। केबिन में अगर कई बार गलत कोड टाइप हो जाता है, तो इस स्थिति में सोपोरा की नजर आपके खाते पर आ जाती है। उसी समय यह सॉफ्टवेयर हरकत में आ जाता है और फिर आपके खाते की सारी डिटेल साइबर जालसाजों तक ऑनलाइन पहुंच जाती है। दोबारा जैसे ही आप कार्ड निकालकर पुन: एटीएम में डालकर सही कोड टाइप करते हैं और रुपये निकालते हैं, साइबर जालसाज आपका कोड ट्रैप कर लेते हैं। इसके बाद ये जालसाज आपके खाते को धीरे-धीरे खाली करना शुरू कर देते हैं।
पहले खाते के बारे में जानकारी लेते थे जालसाज, अब सबकुछ ऑनलाइन
अब तक साइबर जालसाज किसी न किसी बहाने आपके खाते की जानकारी के लिए दूसरे हथकंडे अपनाते थे लेकिन अब ऑनलाइन की बढ़ रही प्रथा उनके काम को और आसान बना रही है। सोपोरा अपडेटेड सॉफ्टवेयर है। मुरादाबाद पुलिस अकादमी के साइबर एक्सपर्ट मनीष गोयल ने इस सॉफ्टवेयर के बारे में काफी जानकारी जुटाई है। पता चला है कि देश-विदेश में बैठे साइबर जालसाज इस सॉफ्टवेयर की मदद से आपके खाते से आसानी से रुपये उड़ा रहे हैं।
एक्सपर्ट की राय
मुरादाबाद पुलिस अकादमी के साइबर एक्सपर्ट मनीष गोयल बताते हैं कि सोपोरा चीटर सॉफ्टवेयर से बचने के लिए लोगों को एटीएम बूथ पर विशेष सावधानी बरतनी होगी। यह सॉफ्टवेयर तभी काम करता है, जब आप ATM में पहले गलत कोड टाइप करते हैं। इससे बचने के लिए नीचे दिए गए उपायों को अपनाना होगा।
एटीएम मशीन में अगर एक बार गलत कोड टाइप हो गया है तो तुरंत कार्ड निकालकर सही कोड न डालें।
किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांजेक्शन कर लेने दें, इसके बाद आप अपना ट्रांजेक्शन करें।
गलत कोड टाइप होने के बाद, कोशिश करें कि अपना कोड बदल दें।
एटीएम स्क्रीन पर आने वाले किसी भी विज्ञापन को बिल्कुल भी टच न करें।
सही कोड डालने के दौरान ऊपर ट्रे पर हाथ लगा दें। अथवा चेक कर लें कि कहीं स्कीमर तो नहीं लगा है।
कोरोना में तेज हुआ साइबर अपराध
कोरोना महामारी में अधिक बढ़ा है ये अपराध,लाकडाउन में 10 गुना ऑनलाइन फ्राड इसलिए बढ़ गया, क्योंकि लोगों ने ऑनलाइन खरीददारी और अपने सभी काम ऑनलाइन ही शुरू कर दिए। इससे साइबर अपराधियों को खासी मदद भी मिली है। क्योंकि इससे उनको ऑनलाइन सारी जानकारी आसानी से मिल जा रही है। देखें एक रिपोर्ट-
चार सौ से अधिक ऑनलाइन फ्रॉड के मामले वर्ष 2021 में लखनऊ के साइबर क्राइम सेल में दर्ज हुए अब तक
36 सौ अधिक ऑनलाइन फ्रॉड के मामले वर्ष 2020 में साइबर क्राइम सेल में हुए थे दर्ज
20 से 25 मामले ऑनलाइन फ्रॉड के रोजाना साइबर क्राइम सेल में आ रहे हैं।
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