MINT:सौंदर्य निखारना है तो पुदीने का करें इस तरह से इस्तेमाल, चली जाएंगी झाइंयां भी, नशे की लत छुड़ाने से लेकर हिचकी और दस्त में भी है लाभकारी है पुदीना, कीड़ा काट ले तो भी कर सकते हैं इसका इस्तेमाल, देखें 20 लाभ

June 20, 2022 by No Comments

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आयुर्वेदाचार्य रोहित यादव बताते हैं कि पुदीने (MINT) का स्वाद भले ही तीखा और तेज बदबू वाला हो लेकिन इसके फायदे सैकड़ो हैं। पुदीना एक प्रकार की घास है और इसके पत्ते गोल छोटे और खुशबूदार होते हैं, यह जमीन के ऊपर फैलता है। इसका स्वभाव गर्म और खुश्क होता है। यह मलमूत्ररोधक, कफ, खांसी के साथ ही नशा को दूर करने में भी सहायक होता है। नियमित इस्तेमाल से भूख बढ़ती है।

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पुदीना हैजा, संग्रहणी (अधिक दस्त का आना), अतिसार (दस्त), कृमि (कीड़े) तथा पुराने बुखार को दूर करने वाला होता है। यह मन को प्रसन्न करता है, हृदय और गुर्दे के दोषों को दूर करता है, हिचकियों को रोकता है, बादी को समाप्त करता है, पेशाब और पसीना लाता है, बच्चा होने में सहायता करता है, इसके सूंघने से बेहोशी भी दूर हो जाती है। पुदीना अजीर्ण (अपच), मुंह की बदबू, गैस की तकलीफ, हिचकी, बुखार, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, जुकाम, खांसी आदि रोगों में लाभदायक होता है। पुदीना का प्रयोग अर्क (रस) सूप, पेय के रूप में किया जाता है। यह चेहरे के सौंदर्य को बढ़ाता है। त्वचा की गर्मी दूर करता है। रोगों के कीटाणुओं को नष्ट करता है और दिल को ठंडक पहुंचाता है। अगर यह जहरीले कीड़ों ने कहीं काटा है तो इसका रस लगा दें, आराम मिल जाएगा। इसी के साथ गर्भवती महिलाओं को बुखार के दौरान लाभ पहुंचाता है।

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पुदीना से होने वाले 20 लाभ

मुंह की दुर्गंध दूर करने के लिए पुदीना ( pudina )की पत्तियों को थोड़े-थोड़े समय के बाद चबाते रहें। इसकी 15-20 हरी पत्तियों को 1 गिलास पानी में अच्छी तरह उबालकर उस पानी से गरारा करें। इससे भी मुंह की दुर्गंध चली जाती है।

जहरीले कीड़ों के काटने पर पुदीना के पत्तों को पीसकर किसी जहरीले कीड़े के द्वारा काटे हुए अंग (भाग) पर लगाएं और पत्तों का रस 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से आराम मिलता है।

चेहरे की सौंदर्यता बढ़ाने के लिए पुदीना की पत्तियों को पीसकर गाढ़े लेप को सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह से मल लें। सुबह चेहरा गर्म पानी से धो लें। इस लेप को रोजाना लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, झांइयां और फुंसियां दूर हो जाती हैं और चेहरे पर निखार आ जाता है।

चेहरे पर अगर झांइयां है तो पुदीना के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झांइयां समाप्त हो जाती हैं और चेहरे की चमक बढ़ जाती है।

आंतों में अगर कीड़े की शिकायत है तो पुदीना का रस रोगी को पिलाएं।

अगर बिच्छू ने काट लिया है तो पुदीना का लेप करने और पानी में पीसकर रोगी को पिलाने से लाभ होता है।

पेट में दर्द व अरुचि है, अर्थात भूख नहीं लगती है तो 3 ग्राम पुदीने के रस में हींग, जीरा, कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर गर्म करके पीने से पेट के दर्द खत्म हो जाएगा और भोजन करने का मन करेगा।

त्वचा के रोग, अर्थात खाज-खुजली आदि त्वचा के रोगों में को दूर करने के लिए हल्दी और पुदीना का रस बराबर की मात्रा में मिलाकर लगाने से लाभ मिलता है।

पुदीना की पत्तियों और कालीमिर्च को मिलाकर गर्म-गर्म चाय रोगी को पिलाने से सर्दी-खांसी, जुकाम, दमा और बुखार में आराम मिलता है।

पेट में कीड़े (कृमि) है तो आधा कप पुदीना का रस दिन में 2 बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक पिलाते रहने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।

बदहजमी अर्थात, भोजन नहीं पच पा रहा है तो या भूख की कमी है, तो 4-6 मुनक्का के साथ 8-10 पुदीना की पत्तियां सुबह-शाम खाने के बाद नियमित रूप से चबाते रहने से आराम मिलेगा।

चौथाई कप पुदीने का रस इतने ही पानी में मिलाकर रोजाना 3 बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ-दमा व मंदाग्नि में लाभ मिलता है।

हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगाने से त्वचा की गर्मी दूर हो जाती है।

अगर चोट लगने से रक्त जम गया है, अर्थात गुठली-सी बन गई है तो पुदीना ( pudina) का अर्क (रस) पीने से गुठली पिघल जाती है।

पुदीना 10 या 20 ग्राम को 200 मिलीलीटर पानी में उबालकर छानकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।

सिर पर हरे पुदीना का रस निकालकर लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है। इसी के साथ पुदीना की पत्तियों को पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से भी सिर का दर्द खत्म हो जाता है।

बच्चों के रोग में भी पुदीना लाभकारी है। अगर बच्चे के कान में दर्द हो तो पुदीने का रस डालें या हरी मकोय का रस कान में डालना चाहिए। हालांकि यह आयुर्वेदिक उपाय है। अगर किसी को यह ठीक नहीं लगता तो अपने अनुसार चिकित्सक को दिखा सकता है।

पुदीना, तुलसी, कालीमिर्च और अदरक का काढ़ा पीने से वायु रोग (वात रोग) दूर होता है और भूख भी बहुत लगती है।

आंतों के रोग: पुदीना का ताजा रस शहद के साथ सेवन करने से आंतों की खराबी और पेट के रोग मिट जाते हैं। आंतों की बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए पुदीना के ताजे रस का सेवन करना बहुत ही लाभकारी है।

शीत बुखार में भी पुदीना लाभकारी है। पुदीना और अदरक का रस या काढ़ा पीने से शीतज्वर मिट जाता है। इससे पसीना निकल आता है और हर प्रकार का ज्वर मिट जाता हैं। गैस और जुकाम के रोग में भी यह काढ़ा बहुत लाभ पहुंचाता है।