Transfer Issue:बेसिक शिक्षा मंत्री नहीं खरे उतरे अपने वादे पर, 14 जून तक आदेश देने का दिया था आश्वासन लेकिन प्रक्रिया शुरू होने की कोई नहीं है सुगबुगाहट, शिक्षकों ने ट्रांसफर मामले को लेकर किए चौंकाने वाले खुलासे
लखनऊ। ट्रांसफर नीति आने और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह द्वारा दिए गए बयान के कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई विभागीय कार्यवाही शुरू नहीं हुई है। कुछ शिक्षकों ने ब्लॉक ट्रांसफर मामले पर चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि मंत्री ने 14 जून तक आदेश निकालने की बात कही थी लेकिन 20 जून बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं किया गया।
इसी के साथ शिक्षकों ने कहा कि अखबारों में ट्रांसफर होने की बात को लेकर खबरें तो प्रकाशित हो जाती हैं लेकिन समस्या जस की तस ही रहती है। योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में शिक्षकों के साथ ऐसा ही किया गया। पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कई बार ट्रांसफर का वादा किया और अखबारों में खूब समाचार छपे, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। इसलिए इस बार शिक्षक पूरा मन बना चुके हैं कि वह धोखा नहीं खाएंगे और 13 साल से जिस ट्रांसफर की बाट जोह रहे हैं, उसे इस बार ले के रहेंगे और तब तक आंदोलन जारी रखेंगे। एक शिक्षक ने बताया कि उन्होंने हाल ही में महानिदेशक बेसिक शिक्षा विभाग विजय किरण आनन्द से भी इस मामले में मुलाकात की तो आनन्द ने जल्द ही इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया।
बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में 13 साल से जनपद के अंदर ट्रांसफर नहीं हुए है। जबकि नियम यह कहता है कि जो शिक्षक 5 साल तक पिछड़े क्षेत्र के स्कूलों में कार्य कर लेगा, उसे 5 साल बाद अगड़े स्कूल में तैनात कर दिया जाएगा और अगड़े स्कूल के शिक्षकों को पिछड़े स्कूलों में भेज दिया जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश की विडम्बना ये है कि जो 13 साल से जनपद के अंदर ट्रांसफर न होने के कारण शिक्षक परेशान हैं और लगातार इस मामले को लेकर अभियान चला रहे हैं।
ट्वीटर पर अभियान चला रहे शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में जनपद के अंदर स्थानान्तरण के लिए माननीय संदीप सिंह मंत्री जी ने 14 जून को हमसे 2 से 3 दिन में आपका आदेश आ जाएगा ऐसा बोला था, लेकिन अभी तक कोई आदेश नहीं आया, हम लोग डेली इतनी गर्मी में गृह जनपद ने 120 किलोमीटर दूर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। एक शिक्षक ने बताया कि वह और उनकी पत्नी दोनों ही शिक्षक हैं,लेकिन तैनाती ऐसी हुई है कि पत्नी और उनके स्कूल की दूरी 70 किलोमीटर है व घर से दोनों के स्कूल की दूरी 55 किलोमीटर है। वह 13 साल पहले पिछड़े स्कूल में तैनात किए गए थे, लेकिन अभी तक ट्रांसफर नहीं किया गया।
इसी के साथ शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया है कि शिक्षक नेता भी पुरजोर तरीके से जनपद के अंदर ट्रांसफर की मांग को नहीं रख रहे हैं। क्योंकि अधिकांश शिक्षक नेता अगड़े स्कूलों में सालों से तैनात हैं। ऐसे में अगर ट्रांसफर होता है तो गाज उन पर भी गिरेगी और उनको पिछड़े स्कूलों में भी भेजा जा सकता है। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा अगर कोई पिस रहा है तो वह है महिलाएं और दिव्यांग शिक्षक। दिव्यांग शिक्षक शारीरिक रूप से अक्षम होने के कारण मंत्रियों व अधिकारियों के कार्यलयों के चक्कर नहीं लगा पा रहे हैं और न ही अपनी समसस्या व बात रख पा रहे हैं। तो वहीं उनकी बात कोई नेता खुलकर नहीं रख रहा है। ऐसे में इनकी ओर किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है। फिलहाल इस पूरे मामले को देखते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री को कोई न कोई निर्णय जल्द लेने की आवश्यकता है।