Kanpur: अंग्रेजों के जमाने का पुल ढहा…1874 में गंगा नदी के ऊपर कराया गया था निर्माण; जानें क्या थी खासियत? Video
Kanpur British Era Bridge Collapsed: कानपुर और उन्नाव जिले को जोड़ने वाला गंगा नदी के ऊपर बना पुल सुबह भरभरा कर ढह गया. इस पुल को अंग्रेजों के जमाने में बनावाया गया था. ये करीब 150 साल पुराना पुल था जो कि धीरे-धीरे जर्जर अवस्था में पहुंच गया और 26 नवम्बर 2024 की सुबह भरभरा कर गिर गया.
इसका निर्माण 1874 में अंग्रेजों ने अपने सफर को सुगम बनाने के लिए करावाया था. फिलहाल इस घटना में किसी जनहानि या अन्य नुकसान की सूचना नहीं है.बता दें कि दो जिलों के बीच सफर करने का एक मात्र जरिया ये पुल था. इस पुल की खास बात ये थी कि इसका निर्माण डबल स्टोरी में हुआ था. यानी ऊपर से गाड़ियां गुजरती थी और इसके नीचे पैदल से जाने वालों के लिए भी रास्ता था. हालांकि करोना काल से ही पुल की हालत जजर्र हालत को देखकर आवागमन बंद कर दिया गया था.
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शहर में अंग्रेजों द्वारा बनवाये गया शुक्लागंज गंगापुल मंगलवार सुबह अचानक भरभराकर गिर गया।सेतु निगम ने लगभग 125 वर्ष पुराने इस पुल को काफी समय से बंद कर दिया था और इसको तोड़े जाने के लिए शासन को संतुति कर दी थी।
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हालांकि इतिहासकार अब कह रहे हैं कि ये एक धरोहर की तरह था क्योंकि देखा जाए तो आज के जमाने के पुलों में इतनी मजबूती नहीं दिखाई देती जितनी कि इस पुल में थी.
तो वहीं अब प्रशासन की ओर से इस पुल के हिस्से के गिरने वाले हिस्से को पूरी तरह से गिराने का काम किया जा रहा है क्योंकि नीचे से नदी में नाव से लोग सफर भी करते हैं. ऐसे में अगर जर्जर हालत वाला हिस्सा किसी पर गिर गया तो बड़ी घटना हो जाएगी. तो वहीं क्षतिग्रस्त हुए हिस्से के अलावा बचे हुए हिस्से को कैसे संरक्षित किया जाए, इस पर प्रशासन विचार कर रहा है.
इस कंपनी ने कराया था निर्माण
इतिहासकारों की मानें तो इस पुल का निर्माण अवध एंड रुहेलखंड कंपनी ने करवाया था. इस पुल की विशेषता थी कि नीचे से गुजरने वाले लोग साइकिल या पैदल इस से पुल को पार किया करते थे लेकिन इसके ऊपर बने पुल से भारी वाहन तेजी से भागते हुए दिखाई देते थे. आस-पास के लोगों का कहना है कि पुल के ढहने की आवाज इतनी तेज थी कि आस पास के घरों तक इस पुल के गिरने की आवाज पहुंची जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसके ढहने की तस्वीर रात में सोशल मीडिया पर शेयर कर दी. इस पुल को एक धरोहर की तरह संरक्षित करने पर जोर दिया गया लेकिन इसकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली और यही वजह रही कि कानपुर की ओर के हिस्से से पिलर नबर 9 और 10 देर रात अचानक ढह गया. तो वहीं सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में नाविक बताते दिख रहे हैं कि जल्द ही दूसरा पिलर भी ढह जाएगा.