हाय मेरा बेटा कहां चला गया…? आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए भारत के लाल कुलदीप चंद; मां का रो-रो कर हुआ बुरा हाल-Video

April 12, 2025 by No Comments

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Kuldeep Chand: आतंकियों से लड़ते हुए भारत का एक और लाल शहीद हो गया है. हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले, नादौन के गलोड़ के पास कोहलवीं गांव के सूबेदार कुलदीप चंद कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं. इसकी सूचना जैसे ही उनके घर पर पहुंची पूरे गांव में मातम पसर गया और मां का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है. मां बार-बार कह रही है हाय ओ…मेरा दीपू कुथो चली गई? (मेरा बेटा दीपू कहां चला गया). तो दूसरी तरफ उनके बच्चे भी रो-रो कर अपने पापा को याद कर रहे हैं जो कि अब कभी लौटकर नहीं आएंगे.

बता दें कि जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी. इसी के बाद भारतीय सेना ने मोर्चा सम्भाला तो इसी बीच जेसीओ कुलदीप चंद शहीद हो गए. हालांकि कुलदीप चंद की टीम ने तीन आतंकियों को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया. इस दौरान वह बुरी तरह से घायल हो गए थे. उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान वह शहीद हो गए. वह 11 अप्रैल की रात को एनकाउंटर में शहीद हुए हैं.

सेना ने कुलदीप चंद के शहीद होने की पुष्टि की है. वह 9 पंजाब रजिमेंट में तैनात थे और उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल के पास घुसपैठ के दौरान ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान दिया है. कहा जा रहा है कि रविवार को कुलदीप का पार्थिव शरीर गांव पहुंच सकता है और फिर वहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

सीएम ने जताया दुख

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुलदीप की शहादत पर दुख प्रकट किया है और कहा है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र नादौन के कोहलवीं गांव निवासी कुलदीप कुमार जी के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुःखद है. देश की सेवा में उनके अविस्मरणीय योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य एवं संबल प्रदान करें. इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।

जान दे दी लेकिन आतंकियों को नहीं पार करने दिया बॉर्डर

पाकिस्तानी आतंकी बॉर्डर (LOC) पार करके भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कुलदीप चंद ने अपनी जान गंवा दी लेकिन आतंकियों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया. वह दो महीने पहले ही छुट्टी पर घर आए थे. उनके परिवार में अब माता पिता और पत्नी और दो बच्चे हैं.

पांच दिन पहले पिता से हुई थी बात

शहीद के पिता ने रोते हुए कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि अभी तक न जाने कितने ही जवान अब तक शहीद हो चुके हैं. अब उग्रवाद को खत्म करना चाहिए. पिता ने मीडिया को बताया कि चार-पांच दिन पहले उनकी बेटे से बात हुई थी. उन्होंने कहा कि सरकार को जवानों की तकलीफ के बारे में सोचना चाहिए. कुलदीप की बेटी ने कहा कि उनको अपने पापा पर गर्व है. बेटी ने कहा कि पापा से हमेशा ही फोन पर बात हो रहती थी लेकिन उन्होंने कभी नहीं बताया कि वहां पर इतनी समस्याएं हैं.

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