Lucknow: IAS अधिकारी बताकर बेरोजगारों से करोड़ों ठगने वाले को STF ने दबोचा, बरामद किए ये महत्वपूर्ण सामान
Lucknow: बेरोजगारों से ठगी करने वालों के हौसले बुलंद. तमाम कार्रवाईयों के बावजूद इस तरह की धोखाधड़ी कर नौजवानों को ठगने का गोरखधंधा बंद नहीं हो रहा है. ताजा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है. ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड उत्तर प्रदेश के नाम से राजधानी के पाश इलाके विभूतिखंड में दफ्तर खोलकर बेरोजगारों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. ये कार्रवाई शुक्रवार को की गई.
बता दें कि गिरोह का सरगना खुद को केंद्र सरकार में तैनात आइएएस बताकर बेरोजगारों को झांसे में लेता था. उनकी सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था. उसने सैकड़ों बेरोजागरों को निशाना बनाया था. एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में गिरोह का सरगना भानु प्रताप है, जो कि यहां गोमतीनगर विस्तार रिश्ता अपार्टमेंट में रहता था। मूल रूप से मऊ जनपद के घोषी इलाके के बुजुर्ग पकड़ी गांव का रहने वाला है। उसका साथी सतेंद्र भदोई जनपद के पटखनी गोपीगंज का है। उन्होंने बताया कि, सूचना मिलने के बाद दबिश देकर इन लोगों को दबोचा गया है. गिरोह के अन्य जालसाजों की तलाश में दबिश दी जा रही है। जालसाजों के पास से पांच मोबाइल, दो लक्जरी कार, 100 ग्राम विकास सहकारी समिति के आवेदनपत्र, नियुक्ति पत्र, कई अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रपत्र आदि बरामद हुए हैं। गिरोह के लोग सरकारी महकमों में नियुक्ति कराने और संविदा पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर बेरोजगारों को ठगते थे।
आइएएस बताकर करता था ठगी
एसटीएफ के मुताबिक सरगना भानु खुद को आइएएस अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेता था और ठगी की घटना को अंजाम देता था. वह एक्सयूवी और अन्य लक्जरी कार से चलता था. उसका जलवा देखकर लोग उसकी बात को सही समझ लेते थे। होटल में और अपने दफ्तर में बेरोजगारों का इंटरव्यू लेता था। भानु के पहुंचते ही उसके गिरोह के लोग सर-सर कहकर उसकी आवाभगत शुरू कर देते थे। इस पर लोग उसे सही में आईएएस अधिकारी समझ बैठते थे. एक व्यक्ति से नियुक्ति के नाम पर दो से पांच लाख रुपये अथवा स्थाई नियुक्ति के नाम पर 10 लाख रुपये तक लेता था. इसके बाद फर्जी नियुक्तिपत्र देता था.