श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर सुनवाई को मथुरा कोर्ट तैयार, मस्जिद हटाने के मुकदमे पर एक जुलाई को हो सकती है सुनवाई, देखें पूरा मामला

Share News

मथुरा। मथुरा कोर्ट (Mathura Court) ने गुरुवार को मान लिया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर कथित रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के मुकदमे पर सुनवाई की जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने सितंबर 2020 में मुकदमे को खारिज करने वाले दीवानी अदालत के आदेश को भी पलट दिया है। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है, जिसे हिंदू देवता कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 1987 के एक मामले में सुनाई एक साल की सजा, देखें क्या है मामला

विवादित बयान देकर गायक सोनू निगम हुए आलोचना के शिकार, कहा मैं ऐसा भक्त नहीं, जो “जय श्रीराम” कहूं, देखें वायरल वीडियो

बीच सड़क भिड़े छात्राओं के दो गुट, लाठी-डंडों से हुई मारपीट, वीडियो हुआ वायरल

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रविकांत पर विश्वविद्यालय परिसर में हमला, पैर छूने के बाद छात्र ने उठाया हाथ, छात्रों का दो पक्ष आमने-सामने, विश्वविद्यालय ने दोषी छात्र को किया निलम्बित, जानें क्या है पूरी सच्चाई, देखें वायरल वीडियो

livelawhindi के मुताबिक, गौरतलब है कि पिछले साल भगवान केशव देव (भगवान कृष्ण) की ओर से मथुरा में कृष्ण मंदिर परिसर से सटे शाही ईदगाह (मस्जिद) को हटाने और 13.37 एकड़ भूमि को देवता को हस्तांतरण के लिए दायर एक मुकदमे में दायर किया गया है। हालांकि, 30 सितंबर, 2020 को मथुरा (उत्तर प्रदेश) की एक दीवानी अदालत ने मुकदमे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें इस आरोप पर ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई थी कि यह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनाई गई है। इसके बाद, मथुरा जिला न्यायालय ने 16 अक्टूबर 2020 को सिविल जज, मथुरा के आदेश के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया था। विशेष रूप से, सिविल अपील को ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ ने अगले मित्र रंजना अग्निहोत्री, ‘श्री कृष्ण जन्मभूमि’-भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थान और छह भक्तों के माध्यम से देखा था।

अगर मम्मी हैं सख्त तो बच्चे पढ़ाई और करियर में होंगे सफल, प्रशंसा बना रही अहंकारी, स्वार्थी व कम प्रतियोगी, एक शोध में हुआ खुलासा, बेहतर पेरेंटिंग के लिए देखें पूरी जानकारी, वीडियो

अपनी सोंधी चाय की खुश्बू बिखेरने के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी जल्द ही आ रहे हैं MBA चायवाला, एक झूठ और आइडिया ने बना दिया ब्रांड, भारत की तरक्की के लिए दिए टिप्स, देखें वीडियो

अब अगर अधिवक्ताओं ने कोर्ट में किया अराजकतापूर्ण कृत्य तो होगी कार्यवाही, प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिया गया निर्देश, देखें आर्डर

अध्यापिकाओं को प्रताड़ित करने सहित 8 गम्भीर आरोपों के चलते खंड शिक्षाधिकारी निलंबित, बिठाई गई जांच, देखें कहां का है मामला और आर्डर

अपीलकर्ताओं ने दीवानी अपील में प्रस्तुत किया था कि दीवानी न्यायाधीश ने उनके मुकदमे को खारिज करने में गलती की है क्योंकि वे भगवान श्री कृष्ण के उपासक हैं और उन्हें संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा गारंटीकृत धर्म के अपने अधिकार का दावा करने और भगवान कृष्ण के वास्तविक जन्म स्थान पर पूजा प्रदर्शन करने का अधिकार है, जो वर्तमान में मुसलमानों द्वारा अवैध रूप से बनाई गई संरचना के नीचे है। पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 5 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा के समक्ष एक आवेदन दिया है, जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर लड्डू गोपाल का अभिषेक करने और पूजा पथ करने की अनुमति मांगी गई है। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है, जिसे हिंदू देवता कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है और वर्तमान आवेदन में आरोप लगाया गया है कि इस मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर किया गया था।

INSPIRE AWARD 2020-21: राष्ट्रीय स्तर पर चुने गए बाल वैज्ञानिकों के लिए IIT दिल्ली में 26 और 27 को आयोजित होगी वर्कशॉप, जापान जाने का मिलेगा मौका, देखें चुने गए 19 प्रतिभागियों की लिस्ट

RSS के शैक्षणिक विंग राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के चुनाव में शिक्षिकाओं का लहरा रहा परचम, देखें कितनी महिलाओं ने हासिल किए अहम पद, देखें वीडियो

ज्ञानवापी मामला: शिवलिंग के विरोध में लोगों ने वायरल किया वीडियो, बताया शिवलिंग नहीं फाउंटेन है, देखें फोटो और वीडियो

मंगलवार (17 मई) को मथुरा की एक स्थानीय अदालत में एक अर्जी देकर विवादित ईदगाह मस्जिद परिसर को सील करने की प्रार्थना की गई। यह आवेदन एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने दायर की है। आवेदन में दावा किया गया कि अगर विवादित परिसर को सील नहीं किया गया, तो संपत्ति का धार्मिक चरित्र बदल जाएगा। आवेदन में यह भी मांग की गई है कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जाए, किसी भी तरह की आवाजाही पर रोक लगाई जाए और सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। लाइवलॉहिंदी की माने तो सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट इस याचिका पर 1 जुलाई को सुनवाई कर सकता है।

UNNAO: अवैध निर्माण गिराने आए बुलडोजर के सामने गिड़गिड़ाया युवक, बोला हम भी भाजपा को वोट देते हैं, हमें मार दो, देखें वायरल वीडियो

चेन लूटकर मसाज करवा रहे बदमाश को पुलिस ने पार्लर में ही धर दबोचा, पकड़े जाने से पहले लुटेरा कटा चुका था बाल, करा चुका था फेशियल

लखनऊ में हुई आग की दो घटनाएं, विश्व स्तरीय फिनिक्स प्लासियो मॉल में आग से मची अफरा-तफरी, अमीनाबाद में ट्रांसफार्मर में लगी आग, जले ठेले और कपड़े, देखें वीडियो

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस स्थान को सील करने के वाराणसी कोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए जहां एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वेक्षण में शिवलिंग मिलने की सूचना दी, आवेदन में कहा गया है कि ईदगाह मस्जिद परिसर को भी सबूत के रूप में तुरंत संरक्षित करने की आवश्यकता है, अन्यथा पक्षकार इन सबूतों को नष्ट भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि 13 मई को मनीष यादव नाम के एक व्यक्ति ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा की अदालत में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था, जिस पर एक सीनियर एडवोकेट, एक एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करने और मस्जिद के अंदर हिंदू धार्मिक प्रतीकों के मौजूद होने के तथ्य को देखते हुए तुरंत शाही ईदगाह का वीडियो सर्वेक्षण कराने की प्रार्थना की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में मथुरा की एक स्थानीय अदालत को श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के संबंध में उनके समक्ष लंबित दो आवेदनों पर 4 महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

पढ़ें अन्य खबरें भी-

मानसिक मंदित महिला को आसरा दिलाने के लिए तेज धूप में सुबह से शाम तक लेकर भटकती रहीं महिला सिपाही, लखनऊ के किसी भी आश्रयगृह ने नहीं खोला ” दरवाजा”, तार-तार हुई इंसानियत, जब सिपाही के साथ ये हाल तो भला क्या होगा आम लोगों का

बिना पढ़े बच्चों को पास होने का टोटका बताने वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा “सीहोर वाले” का बेटा परीक्षा में हुआ फेल ! देखें वायरल वीडियो

16 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे लखनऊ में, बदली रहेगी यातायात व्यवस्था, देखें वैकल्पिक मार्गों की पूरी जानकारी, इमरजेंसी वाहनों के लिए जारी हुआ नम्बर

काशी विश्वनाथ विवादित बयान मामला: लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रविकांत के खिलाफ उतरा वाल्मीकि समाज, कहा दलित समाज को बदनाम करने की हो रही साजिश, देखें वीडियो