Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी 31 मई को, पढ़ें कथा, दान करें ये वस्तुएं
Nirjala Ekadashi: हिंदू शास्त्र के मुताबिक पूरे साल में 24 एकादशियां होती हैं, लेकिन इन सबमें सबसे ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को सर्वोत्तम फल देने वाली बताया गया है. इस बार ये एकादशी 31 मई को मनाई जा रही है. मान्यता है कि, केवल इस एकादशी का व्रत रखने से ही वर्ष भर की एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त हो जाता है. इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं. वेदव्यास के मुताबिक भीम सेन ने ही इसे धारण किया था. तमाम लोग ऐसे हें जो पूरे साल की एकादशी का व्रत नहीं करते हैं लेकिन साल में एक बार निर्जला एकादशी का व्रत जरूर करते हैं.
इसलिए कहते हैं निर्जला एकादशी
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि, इस एकादशी में एकादशी के सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्यास्त तक पानी न पीने का विधान शास्त्रों में बताया गया है, इसीलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है. शास्त्रों के मुताबिक इस एकादशी के व्रत से दीर्घायु तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत अत्यंत संयम साध्य वाला है. इस दिन निर्जला व्रत करते हुए शेषशायी रूप में भगवान विष्णु की आराधनी का विशेष महत्व माना गया है.
जानें क्या है व्रत का विधान
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि इस व्रत में जल निषेध है लेकिन फलाहार के बाद दूध पीने का विधान इस व्रत में बताया गया है. इस दिन व्रत करने वाले को चाहिए कि वह जल से कलश को भरे. उस पर सफेद वस्त्र को ढक कर रखें तथा उस पर चीनी तथा दक्षिणा रखकर ब्राह्मणों को दान दें. महिलाएं नथ पहनकर और ओढ़नी ओढ़कर, मेहंदी लगाकर विधि पूर्वक शीलत जल से भरा घड़ा दान कर सास अथवा अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करें. इसी के साथ इस एकादशी का व्रत करने के बाद द्वादशी को ब्रह्मबेला में उठकर स्नान कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देना चाहिए. अपने समार्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, छतरी, जूता, फल, जल से भरा कलश, पंखों और दक्षिणा देने का विधान है. इसी के साथ सभी लोगों को मिट्टी का घड़ा अथवा सुराही, पंखों और अनाज का दान करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से पूरे वर्ष भर की एकादशी का फल प्राप्त हो जाता है.
पढ़ें कथा
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति में प्रमाणिक ज्योतिषियों से ही परामर्श लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)