सावन से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ द्वापर युग का शिवलिंग, आप भी करें दर्शन, जानें क्या है मान्यता, देखें वीडियो
इस बार सावन मास 14 जुलाई 2022 से शुरू होने वाले हैं। इससे पहले ही सोशल मीडिया पर द्वापर युग के शिवलिंग वायरल हो रहे हैं। इसे धार्मिक स्थानों की पैदल यात्रा करने वाले राकेश शुक्ला ने अपने ट्विटर एकाउंट से वायरल किया है और लोगों को जानकारी दी है कि पंढरपुर यात्रा के तृतीय दिवस में शिवरी के प्राचीन मंदिर में द्वापरयुग के शिवलिंग के दर्शन का सौभाग्य मिला। यह आलंदी से पंढरपुर जा रही संत ज्ञानेश्वर के पालकी का विश्राम स्थल है। मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन से आत्मिक सुख का प्राप्ति होती है और मन को शांति मिलती है।
बता दें कि पंढरपुर यात्रा में आळंदी से सासवड़ तक 50 किमी की यात्रा उन्होंने पैदल ही पूरी की है। इस सम्बंध में भी उन्होंने जानकारी शेयर की थी। इसी के साथ यह भी बताया था कि इस मार्ग में 4 किमी की दुर्गम दिवे घाटी पड़ती है। मान्यता है कि जो इस घाटी को पार कर लेता है, उसकी वारी पूरी होती है। इस घाटी को पार कर सासवड़ पहुंच गए हैं। सावन मास को लेकर सनातन धर्म में मान्यता है कि इस पूरे मास भगवान शंकर धरती पर रहते हैं और अपने भक्तों के कष्ट और दुखों को दूर करते हैं। इस पूरे मास शिवालयों में खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस महीने शिव पुराण के साथ ही श्रीरामचरितमानत आदि धर्मग्रंथों को सुनने व स्वंय पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।